राजनीति से काफी समय से बाहर चल रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री जगदीश टाइटलर की एकबार फिर सक्रीय राजनीति में वापसी हो रही है. जानकारी के अनुसार उन्हें दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी में जगह मिली है.
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बता दें कि दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी चार से पांच जून को नव संकल्प शिविर को आयोजन कर रही है. इस शिविर में अलग-अलग स्तर की समितियां बनाई गई हैं. इनमें से एक ऑर्गेनाइजेशन एंड पॉलिटिकल अफेयर्स के पैनल में जगदीश टाइटलर को सदस्य बनाया गया है.
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इससे पहले अक्टूबर 2021 को जगदीश टाइटलर को जब दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी में स्थायी सदस्य मनोनित किया गया था तब उस फैसले का जमकर विरोध किया गया था. सिख विरोधी दंगों के आरोपी जगदीश टाइटलर के चयन को शिरोमणि अकाली दल और भाजपा ने सिखों के जख्म पर नमक छिड़कने जैसा बताया था. पंजाब कांग्रेस के नेताओं ने भी जगदीश टाइटलर के मनोनयन पर सवाल खड़ा किया था.
गौरतलब है कि जगदीश टाइटलर पर सिख विरोधी दंगे भड़काने का आरोप है. हालांकि, टाइटलर के मामले में सीबीआई ने 2007, 2009 और 2014 में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी थी लेकिन सिख विरोधी दंगों में अपना पति खोने वाली लखविंदर कौर की याचिका पर दिल्ली की कड़कड़डूमा अदालत ने सभी क्लोजर रिपोर्ट खारिज कर दिया था.
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सिख विरोधी दंगे में टाइटलर के अलावा सज्जन कुमार भी आरोपी थे. सज्जन कुमार को कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई थी. पिछले महीने राउज एवेन्यू कोर्ट ने वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगे के दौरान सरस्वती विहार के एक मामले में पूर्व कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को एक लाख रुपये के मुचलके पर जमानत दे दी थी. साथ ही कोर्ट ने सज्जन कुमार को बिना अनुमति देश न छोड़ने के निर्देश दिए थे.