पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फोरम (WBJDF) ने सोमवार को ममता बनर्जी से मुलाकात की और कहा कि जब तक मुख्यमंत्री उनसे किए गए वादों को पूरा नहीं करतीं, तब तक वे अपना आंदोलन जारी रखेंगे। कोलकाता में कालीघाट स्थित अपने आवास पर बैठक के दौरान ममता बनर्जी ने प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों की मांगों को मानते हुए घोषणा की कि वे पुलिस आयुक्त (सीपी) विनीत गोयल, स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक और चिकित्सा शिक्षा के निदेशक को हटा देंगी।
बैठक समाप्त होने के बाद डॉक्टरों ने बनर्जी की घोषणा की सराहना की और इसे अपनी नैतिक जीत बताया, लेकिन कहा कि जब तक घोषणाएं अमल में नहीं आतीं, उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।
9 अगस्त को कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की घटना को लेकर एक महीने से अधिक समय से विरोध प्रदर्शन जारी है।
बैठक के बाद ममता बनर्जी ने क्या कहा
आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टरों द्वारा रखी गई पांच सूत्री मांगपत्र के बड़े हिस्से को स्वीकार करते हुए ममता बनर्जी ने पुलिस आयुक्त विनीत गोयल सहित कोलकाता पुलिस के एक हिस्से और राज्य स्वास्थ्य विभाग के शीर्ष अधिकारियों को उनके पदों से स्थानांतरित करने की घोषणा की।
बनर्जी ने चिकित्सा शिक्षा निदेशक (डीएमई) और स्वास्थ्य सेवा निदेशक (डीएचएस) के अलावा उप आयुक्त (उत्तरी संभाग) को भी हटाने की घोषणा की, जिन्होंने कथित तौर पर आरजी कर पीड़िता के माता-पिता को पैसे की पेशकश की थी।
प्रदर्शनकारियों के साथ वार्ता के सफल होने का उल्लेख करते हुए बनर्जी ने कहा, “उनकी लगभग 99 प्रतिशत मांगें स्वीकार कर ली गई हैं और उन्हें अपना काम फिर से शुरू कर देना चाहिए।”
डॉक्टरों के साथ बैठक समाप्त करने के बाद मीडिया से मुखातिब ममता ने कहा, “जूनियर डॉक्टरों की मांग को देखते हुए कोलकाता पुलिस कमिश्नर विनीत कुमार गोयल ने बैठक में कहा है कि वह इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं। मंगलवार को शाम 4 बजे विनीत नए सीपी को जिम्मेदारी सौंप देंगे।”
मुख्यमंत्री के साथ अपनी बैठक का ब्यौरा देते हुए जूनियर डॉक्टरों ने कहा कि ममता बनर्जी ने उनके सामने कुछ सवाल रखे और उनसे उनकी मांगों के बारे में पूछा। डॉक्टरों ने बताया कि उनकी बात सुनने के बाद ममता ने कहा कि वह स्वास्थ्य विभाग के दो प्रमुखों को हटा देंगी, स्वास्थ्य सेवा निदेशक (डीएचएस), चिकित्सा शिक्षा निदेशक (डीएमई) और पुलिस आयुक्त का तबादला किया जाएगा।
राज्य स्वास्थ्य विभाग के सामने धरने पर बैठे नेताओं में से एक डॉ. देबाशीष हलदर ने कहा, “स्वास्थ्य भवन के सामने हमारा आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक हमें लिखित में यह नहीं मिल जाता कि मुख्यमंत्री ने अपनी बात पर अमल किया है और बैठक में जो निर्णय लिया गया था, उस पर वास्तव में काम किया है और ये केवल शब्द नहीं हैं। उसके बाद ही हम अपनी हड़ताल वापस लेने पर विचार करेंगे।”
एक अन्य डॉक्टर ने कहा, “हमें उम्मीद है कि उन्होंने जो मौखिक वादे किए हैं, उन पर अमल होगा। कुछ हद तक, हम मानते हैं कि चर्चा सफल रही। हालांकि, प्रिंसिपल सेक्रेटरी और डिप्टी कमिश्नर (डीसी) सेंट्रल के खिलाफ कार्रवाई की हमारी मांग के संबंध में हमें कोई आश्वासन नहीं मिला।”