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Thursday, November 21, 2024

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जयराम रमेश बोले- लोकसभा चुनाव निष्पक्ष नहीं, फिर भी विपक्षी गठबंधन को मिलेगा स्पष्ट बहुमत

देश में आम चुनाव के पहले चरण के मतदान के लिए जैसे-जैसे दिन करीब आ रहे हैं, वैसे ही सियासी दलों के नेताओं की बयानबाजियां तेज हो गईं हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने शनिवार को कहा कि लोकसभा चुनाव निष्पक्ष नहीं हैं और विपक्षी दलों को निशाना बनाया जा रहा है। लेकिन इसके बावजूद पांच न्याय और 25 गारंटी पर जनता की प्रतिक्रिया के चलते विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ को स्पष्ट बहुमत मिलेगा। 

उन्होंने यह भी कहा कि देश के लोग चुनाव को अस्वतंत्र और अनुचित बनाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सभी प्रयासों को निर्णायक रूप से खारिज करेंगे। कांग्रेस महासचिव ने कहा कि ‘दस साल अन्याय काल’ के खिलाफ जनता में एक मजबूत भावना है। 

कांग्रेस के घोषणापत्र से ध्यान हटाने की रणनीति
रमेश ने प्रधानमंत्री मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की हालिया टिप्पणी को लेकर भी उन पर निशाना साधा। उन्होंने हाल ही में बयान दिया था कि यह नया भारत है, जो दुश्मन के इलाके में हमले करता है। कांग्रेस नेता ने कहा, ये ध्यान भटकाने की रणनीति है जिसका मकसद कांग्रेस के पांच न्याय, 25 गारंटी और असली घोषणा पत्र से ध्यान हटाना है। 

‘विपक्षी गठबंधन को मिलेगा स्पष्ट जनादेश’
चुनाव की निष्पक्षता के बारे में पूछे जाने पर रमेश ने कहा, यह चुनाव निष्पक्ष नहीं है। विपक्षी दलों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। लेकिन इसके बावजूद हमारा मानना है कि कांग्रेस और उसके सहयोगियों की पांच न्याय-पच्चीस गारंटी पर जनता की प्रतिक्रिया के कारण विपक्षी गठबंधन को स्पष्ट जनादेश मिलेगा। उन्होंने कहा कि घोषणा पत्र जनता की जरूरतों को दिखाता है। 

कांग्रेस ने जारी किया घोषणापत्र
एक दिन पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी की मौजूदगी में पार्टी कार्यालय में पांच न्याय के स्तंभों और इसे तहत 25 गारंटी पर केंद्रित घोषणापत्र जारी किया गया। उसके बाद रमेश की यह टिप्पणी सामने आई है। 

घोषणापत्र में किए ये वादे
कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणापत्र में कई वादे किए हैं, जिनमें प्रशिक्षुता (अप्रेंटिसशिप) का अधिकार, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी, अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षण पर 50 फीसदी की सीमा को आगे बढ़ाने के लिए एक संवैधानिक संशोधन करना, एक राष्ट्रव्यापी जाति जनगणना और अग्निपथ योजना को खत्म करना शामिल हैं। 

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