विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को मुख्य अतिथि के रूप में नई दिल्ली में मिस्र के राष्ट्रीय दिवस समारोह में भाग लिया। इस दौरान मिस्र के राजदूत वेल हमेद भी इस कार्यक्रम में मौजूद थे।
वहीं, विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, “हमारे दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे संबंध हाल के वर्षों में और प्रगाढ़ हुए हैं। हमारे आर्थिक सहयोग में निरंतर विविधता आई है और दोनों पक्ष आपसी लाभ के लिए नए अवसर तलाश रहे हैं। पचास से ज्यादा भारतीय कंपनियां पहले से ही मिस्र की अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में निवेश कर चुकी हैं। जिनमें फार्मास्यूटिकल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स और हरित उर्जा प्रमुख क्षेत्र हैं।”
‘आने वाले वर्षों आईटी उद्योग में प्रगति की उम्मीद’
उन्होंने कहा, “हमारा आईटी उद्योग भी ऐसी साझेदारियों स्थापित कर रहा है। हमें उम्मीद है कि आने वाले समय में इसमें प्रगति होगी। मिस्र हमारे कृषि निर्यात के लिए एक बाजार के रूप में खुला है। हमारा रक्षा सहयोग भी बढ़ा है। 2021 से हमारी वायु सेनाओं ने द्विपक्षीय और बड़े प्रारूप में नियमित अभ्यास किए हैं।”
गाजा की स्थिति दिल दहला देने वाली: मिस्र के राजदूत
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए हमेद ने कहा, “गाजा की स्थिति दिल दहला देने वाली है। हम अपने टीवी स्क्रीन पर हर रोज क्रूर युद्ध के दृश्य देखते हैं। हमारी सभ्य दुनिया में इसकी कोई जगह नहीं है। हम राज्य प्रायोजित आतंकवाद सहित आतंक के सभी रूपों की निंदा करते हैं। लेकिन यह फलस्तीनी लोगों के लिए सामान्य स्थिति नहीं होनी चाहिए।”
‘फलस्तीन के लोगों को अपना देश बनाने का अधिकार’
उन्होंने आगे कहा, “मारे गए और घायल हुए लोगों की तादाद केवल एक संख्या नहीं है। ये भी हाड़-मांस वाले लोग हैं, जिनके अपने परिवार और प्रियजन हैं। जिनके अपने सपने और आकांक्षाएं हैं। इन लोगों को अपने खुद का देश बनाने का अधिकार है, जहां वे सुरक्षित और सम्मानित पड़ोसी तरह रह सकते हैं।”