मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने मंगलवार को दावा किया कि उनके खिलाफ एसआईटी जांच की रिपोर्ट तैयार है। उन्होंने कहा कि उन्हें कभी भी गिरफ्तार किया जा सकता है, क्योंकि वह भाजपा के सत्ता में आने के रास्ते में कांटा बन गए हैं। महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने पिछले हफ्ते सरकार को एक एसआईटी गठित करने और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ जरांगे की विवादित टिप्पणी की जांच कराने का निर्देश दिया था।
जरांगे ने बीड जिले में पत्रकारों से बात की। इस दौरान उन्होंने कहा, ‘मुझे विश्वसनीय सूत्रों से पता चला है कि एसआईटी की रिपोर्ट तैयार है। मुझे यह भी पता चला है कि मुझे गिरफ्तार किया जा सकता है। उस व्यक्ति ने मुझसे कहा कि मैं भाजपा के सत्ता के रास्ते का कांटा हूं। इसलिए, वे चाहते हैं कि मैं दस फीसदी आरक्षण पर सहमत हो जाऊं, वरना वे मुझे फंसा लेंगे।’
विधानमंडल ने पिछले महीने पारित किया था आरक्षण विधेयक
महाराष्ट्र विधानमंडल ने पिछले महीने एक विधेयक पारित किया था, जिसमें शिक्षा और सरकारी नौकरियों में मराठा समुदाय को दस फीसदी आरक्षण का प्रावधान था। जरांगे ने इसका स्वागत किया था लेकिन कहा था कि वह अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के तहत समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन जारी रखेंगे।
‘एसआईटी से किसी ने नहीं किया संपर्क’
उन्होंने दावा किया कि छत्तीस विधायकों की बैठक हुई और मराठा समुदाय के विधायकों को उनके खिलाफ बोलने को कहा गया। मराठा कार्यकर्ता ने आगे कहा कि अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद एसआईटी से किसी ने भी उनसे संपर्क नहीं किया था। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार द्वारा घोषित 10 फीसदी आरक्षण पर सहमति बनाने के लिए बीड में उनके खिलाफ मामले दर्ज किए गए। जरांगे ने कहा, हम जानते हैं कि यह आरक्षण (10 फीसदी) कानूनी रूप से नहीं टिकेगा। यही कारण है कि हमने इसे स्वीकार नहीं किया है। इसलिए, मेरे खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं।
आम चुनाव में उम्मीदवार उतारने को लेकर कही ये बात
यह पूछे जाने पर कि क्या मराठा आगामी लोकसभा चुनाव के लिए गांवों से उम्मीदवार उतारेगी, इस पर उन्होंने कहा कि यह फैसला समुदाय करेगा। जरांगे ने कहा, अगर सरकार आंदोलन जारी रखने की अनुमति नहीं देगी और उनके खिलाफ दर्ज मामले रद्द नहीं करती तो लोग उचित कदम उठाएंगे।