गत चैंपियन भारत ने यूरोप की शीर्ष टीम बेल्जियम को 1-0 से हराकर जूनियर विश्व कप हॉकी के सेमीफाइनल में पहुंच गया। जहां उसका मुकाबला शुक्रवार को पिछली बार के कांस्य पदक विजेता जर्मनी से होगा। छह बार के चैंपियन जर्मनी ने शूटआउट में स्पेन को 3-1 से हराया। जूनियर विश्व कप के इतिहास की सबसे सफल टीम जर्मनी ने छह बार खिताब जीता है।
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अर्जेंटीना ने नीदरलैंड को 2-1 से पराजित किया। फ्रांस ने अपना चमत्कारिक प्रदर्शन जारी रखा और तीसरे क्वार्टर फाइनल में मलेशिया को 4-0 से हराया। फ्रांस शुक्रवार को सेमीफाइनल में अर्जेंटीना का सामना करेगा। लखनऊ में 2016 में पिछले टूर्नामेंट में बेल्जियम को 2-1 से हराकर खिताब जीतने वाले भारत ने जूनियर हॉकी में यूरोपीय टीम पर अपना दबदबा बरकरार रखा।
श्रद्वानंद तिवारी ने 21वें मिनट में पेनल्टी कार्नर को गोल में बदला जो भारत के लिये अंतिम चार में पहुंचने के लिये पर्याप्त था। यह मैच दोनों टीमों के रक्षात्मक कौशल का शानदार उदाहरण रहा और भारत एक गोल दागने से आगे बढ़ने में सफल रहा।
बेल्जियम ने आक्रामक शुरुआत करके भारत पर दबाव बनाया लेकिन भारतीय रक्षापंक्ति ने किसी तरह की हड़बड़ी नहीं दिखायी और सहजता से हमलों को नाकाम किया। बेल्जियम को गोल करने का पहला मौका 13वें मिनट में मिला लेकिन भारतीय गोलकीपर प्रसांत चौहान ने थीबियु स्टॉकब्रोक्स का करीब से जमाया गया शॉट रोक दिया।
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भारत को गोल करने का पहला मौका पहले क्वार्टर के अंतिम क्षणों में मिला लेकिन उत्तम सिंह का प्रयास बेल्जियम के गोलकीपर बोरिस फेल्डीम ने विफल कर दिया। भारत ने दूसरे क्वार्टर में आत्मविश्वास भरा खेल दिखाया और 21वें मिनट में अपना पहला पेनल्टी कार्नर हासिल किया जिसे तिवारी ने कुशलता से गोल में बदला।
बेल्जियम को 26वें मिनट में पेनल्टी कार्नर मिला लेकिन जेफ डि विंटर का फ्लिक बाहर चला गया। भारत मध्यांतर तक 1-0 से आगे था। बेल्जियम ने तीसरे क्वार्टर में आक्रामक रवैया अपनाया लेकिन वे भारत की रक्षापंक्ति में सेंध नहीं लगा पाये। इस बीच किसी भी टीम को कोई स्पष्ट मौका नहीं मिला।
बेल्जियम ने चौथे क्वार्टर में अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। खेल के 50वें मिनट में भारत के दूसरे गोलकीपर पवन ने डाइव लगाकर शानदार बचाव करके रोमन डुवेकोट के प्रयास को नाकाम किया। बेल्जियम को 52वें मिनट में पेनल्टी कार्नर मिला लेकिन भारतीय रक्षकों ने उसे इसका फायदा नहीं उठाने दिया।
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बेल्जियम ने खेल समाप्त होने से तीन मिनट पहले अपने गोलकीपर को हटाकर अतिरिक्त खिलाड़ी उतारा लेकिन इससे भी उसे कोई फायदा नहीं मिला। उसे खेल समाप्त होने से दो मिनट पहले पेनल्टी कार्नर मिला लेकिन भारतीयों ने उसे भी नाकाम कर दिया।