ज्ञानवापी मस्जिद और सिंगार गोरी मंदिर मामले में सर्वे की रिपोर्ट आज एडवोकेट कमिश्नर विशाल सिंह और अजय प्रताप सिंह ने अदालत में दाखिल कर दी है. विशाल सिंह ने एनडीटीवी से कहा कि हमने सर्वेक्षण रिपोर्ट दाखिल कर दीहै. अजय मिश्रा ने पिछली शाम को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. हमने ये रिपोर्ट बिना किसी पक्षपात के तैयार की है. पिछले तीन दिनों से हम सोए नहीं थे. 70 पेज की ये रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में है. यह रवि कुमार दिवाकर की अदालत में पेश की गई है.
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बता दें कि वकील अजय मिश्रा ने बुधवार की शाम को ही वाराणसी ज़िला अदालत में अपनी सर्वे रिपोर्ट सौंपी है. जो कि दो पन्नों की बताई जा रही है. उनके समय में हुई वीडियोग्राफ़ी और फ़ोटोग्राफ़ी पहले से ट्रेज़री के लॉकर में रखी है. बता दें कि कल अदालत में एक याचिका भी दायर की गई थी. जिसमें हिंदू पक्ष ने कोर्ट से आग्रह किया था कि अजय मिश्रा को उनकी सर्वे रिपोर्ट सौंपने की अनुमति दी जाए.
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दरअसल ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे मामले में वाराणसी की कोर्ट ने एडवोकेट कमिश्नर अजय मिश्रा को हटा दिया था. मिश्रा की निष्पक्षता पर सवाल उठने के बाद ये कदम उठाया गया था. इसके साथ ही कोर्ट ने बाकी दो कमिश्नरों को रिपोर्ट दाखिल करने के लिए दो दिन की मोहलत भी दे दी थी. कोर्ट ने पाया था कि अजय मिश्र ने ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे के लिए प्राइवेट वीडियोग्राफर रखा था, वे लगातार मीडिया में केस से जुड़े मुद्दों पर अपनी बात रख रहे थे. जिसके चलते मिश्र को कार्यमुक्त करने का फैसला लिया गया.
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पहले कोर्ट ने अकेले अजय मिश्रा को सर्वे करने की ज़िम्मेदारी दी थी. सिविल जज रवि दिवाकर ने सबसे पहले उन्हें ही कमिश्नर बनाया था. अजय मिश्रा ने दो दिन 6 और 7 मई को अकेले सर्वे की कार्यवाही की थी. बाद में मुस्लिम पक्ष की आपत्ति के बाद कोर्ट ने अजय मिश्रा के साथ विशाल सिंह और अजय प्रताप सिंह को नियुक्त कर सर्वे रिपोर्ट 17 मई को दाखिल करने के आदेश दिए थे.