शिवसेना के दो गुटों में बंटने के बाद यह पहला मौका था, जब दशहरे पर दोनों भागों की अलग-अलग रैलियां हुईं। उद्धव और एकनाथ शिंदे ने एक-दूसरे पर जमकर निशाना साधा और कई आरोप लगाए। दशहरा रैली का पारंपरिक स्थल शिवाजी पार्क उद्धव ठाकरे को मिला तो वहीं, एकनाथ शिंदे को बीकेसी मैदान से रैली को संबोधित करना पड़ा। वहीं, रैली में शिंदे ने ठाकरे परिवार में भी सेंध लगाई। शिंदे के साथ मंच पर उद्धव ठाकरे के बड़े भाई जयदेव, उनकी पत्नी स्मिता और उनके भतीजे निहार उपस्थित रहे, जिसने बड़ी संख्या में लोगों का ध्यान खींचा। इस तरह ठाकरे परिवार के इन सदस्यों का साथ उद्धव को नहीं मिला। इसके अलावा, शिवसेना के संस्थापक के भरोसेमंद रहे चंपा सिंह थापा भी रैली में मौजूद रहे, जिससे उद्धव को तगड़ा झटका लगा।
ठाकरे परिवार की बात करें तो यह परिवार काफी बड़ा रहा है। फैमिली ट्री की शुरुआत प्रबोधनकर ठाकरे और उनकी पत्नी रमाबाई ठाकरे से होती है, जिनके आठ बच्चे थे – बाल ठाकरे, रमेश ठाकरे, श्रीकांत ठाकरे, पामा टिपनिस, सुशीला गुप्ते, संजीवनी करंदीकर, सुधा सुले और सरला गडकरी। देश में हिंदुत्व के बड़े चेहरे के रूप में पहचाने गए बाल ठाकरे ने मीना ठाकरे से शादी की, जिन्हें आमतौर पर मीनाताई कहा जाता था। दोनों के तीन बच्चे हुए। उद्धव ठाकरे, बिन्दुमाधव और जयदेव।
बिंदुमाधव का राजनीति से नहीं रहा लगाव
तीन बच्चों में सबसे बड़े बिंदुमाधव का कभी भी राजनीति की ओर झुकाव नहीं रहा। शुरुआत में, उन्होंने अपनी खुद की वीडियो कंपनी शुरू की, लेकिन बाद में फीचर फिल्मों का निर्माण करने लगे। वह जैकी श्रॉफ, मनीषा कोइराला और नाना पाटेकर अभिनीत अपने पहले हिंदी वेंचर ‘अग्निसाक्षी’ के लिए सुर्खियों में आए। 20 अप्रैल, 1996 को बिंदुमाधव लोनावला में छुट्टियां बिताकर अपनी पत्नी माधवी, बेटे निहार और ड्राइवर के साथ लौट रहे थे, तभी सड़क हादसे में उनकी जान चली गई। निधन के समय उनकी उम्र महज 42 साल थी।
निहार का बीजेपी से यह है कनेक्शन
शिंदे की रैली में बुधवार को उनके बेटे निहार ने प्रमुख स्थान हासिल किया। लेकिन ये पहली बार नहीं था जब दोनों को एक साथ देखा गया हो. जब शिंदे ने सीएम की कुर्सी पर कब्जा कर लिया, तो मुंबई के एक वकील और निहार की मुलाकात हुई और निहार ने गठबंधन सरकार को अपना समर्थन देने का वादा किया। निहार की शादी से भी बीजेपी का नाता है, क्योंकि उनकी पत्नी अंकिता बीजेपी नेता हर्षवर्धन पाटिल की बेटी हैं।
उद्धव के दो बेटे, आदित्य रह चुके हैं मंत्री
वहीं, बाल ठाकरे के दूसरे बेटे उद्धव हैं, जो महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने शिंदे के विद्रोह के कारण अपनी कुर्सी खो दी और एक दूसरा शिंदे गुट बना। उद्धव की शादी रश्मि ठाकरे से हुई है और उनके दो बेटे हैं- आदित्य और तेजस। आदित्य ठाकरे की राजनीति में एंट्री कई साल पहले ही हो गई थी और वह उद्धव सरकार में मंत्री भी रहे। उद्धव को हर अहम मोर्चे पर अपने बेटे आदित्य का साथ मिलता रहा।
जानिए कौन हैं जयदेव ठाकरे
अब हम बाल ठाकरे के तीसरे बेटे जयदेव पर आते हैं, जो परिवार से अलग हो गए थे। वे बुधवार को शिंदे के के साथ दिखाई दिए। दशहरा रैली को संबोधित करते हुए जयदेव ने कहा, ”पिछले एक हफ्ते से हर कोई मुझसे पूछ रहा है कि क्या शिंदे खेमे में शामिल हुए हैं। ठाकरे किसी गुट में नहीं हो सकते। मुझे शिंदे के विचार पसंद हैं।” उन्होंने आगे कहा, ”एकनाथ को अकेले मत रहने देना। आप सभी को उनका समर्थन करना चाहिए। शिंदे गरीबों और किसानों के लिए काम कर रहे हैं। शिंदे हमारे किसानों के समान हैं। वह बहुत मेहनती हैं। मैं कहूंगा, शिंदे राज्य को वापस आने दो। चुनाव होने दें और शिंदे राज्य को वापस आने दें। मेरा पूरा समर्थन एकनाथ शिंदे के साथ है।”
जानिए बाल ठाकरे के भाई के बारे में
वहीं, बाल ठाकरे के भाई की बात करें तो श्रीकांत ठाकरे की शादी कुंडा ठाकरे से हुई थी और उनका एक बेटा हुआ – राज ठाकरे। राज ठाकरे, जिन्हें कभी दिवंगत हिंदू हृदय सम्राट बाल ठाकरे का राजनीतिक उत्तराधिकारी माना जाता था, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख हैं। राज ने मनसे साल 2006 में चचेरे भाई उद्धव के साथ मतभेदों के कारण शिवसेना छोड़ने के बाद बनाई थी। राज ठाकरे की शादी शर्मिला से हुई है और उनका एक बेटा अमित और एक बेटी उर्वशी है। बता दें कि शिंदे ने पिछले महीने राज से मुलाकात की थी। शिंदे के खेमे के 40 शिवसेना विधायक और भाजपा के आगामी स्थानीय निकाय चुनाव एक साथ लड़ने की उम्मीद है। इसके साथ ही यह भी संभावना है कि वे राज ठाकरे की भी मदद ले सकते हैं।