विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने छह अफ्रीकी देशों को कोविड वैक्सीन तकनीक उपलब्ध कराने का फैसला किया है। यूरोपीय यूनियन और फ्रांस की मदद से डब्ल्यूएचओ ने मिस्र, केन्या, नाइजीरिया, सेनेगल, दक्षिण अफ्रीका और ट्यूनीशिया को कोविड-19 महामारी के विरुद्ध लड़ाई में मददगार एमआरएनए वैक्सीन की तकनीक उपलब्ध कराने की घोषणा की है।
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विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुखिया टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने कहा कि वैश्विक सार्वजनिक कल्याण की वस्तुओं की आपूर्ति के लिये कुछ कंपनियों पर ही निर्भर रहना ख़तरनाक हो सकता है। इसीलिए तकनीकी हस्तांतरण का फैसला हुआ है ताकि अधिकाधिक देश लाभान्वित हो सकें। एमआरएनए तकनीक के जरिये शरीर की कोशिकाएं एक ऐसा प्रोटीन बनाती हैं, जिससे प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाई जा सकती है।
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कोविड-19 के मामले में, यह तकनीक एक हानिरहित स्पाइक प्रोटीन का उत्पादन करती है, जोकि शरीर को वायरस से अपनी रक्षा के लिये तैयार होने का संकेत भेजती है।बताया गया कि देशों में उनके बुनियादी ढांचे, कार्यबल और नियामक क्षमताओं को ध्यान में रखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन और अन्य साझीदार संगठन एक रोडमैप विकसित करेंगे। साथ ही, प्रशिक्षण और आवश्यक समर्थन प्रदान किया जाएगा ताकि बेहद कारगर टीकों का जल्द से जल्द घरेलू स्तर पर उत्पादन शुरू किया जा सके।
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विश्व स्वास्थ्य संगठन सभी देशों में वैक्सीन उत्पादन क्षमता विकसित करने के लिए जैव-विनिर्माण कार्यबल प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने के लिए प्रयासरत है। जिन देशों की उत्पादन, वैज्ञानिक व क्लीनिकल शोध में दिलचस्पी है, वे इसका हिस्सा हो सकते हैं और इसकी घोषणा अगले कुछ हफ़्तों में की जाएगी।