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Thursday, November 21, 2024

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डॉ0 गुलेरिया ने व्यक्त की चिंता, देश में कोरोना की तीसरी लहर का खतरा, अब सख्त लॉकडाउन की ज़रुरत

नई दिल्ली: डॉ0 गुलेरिया ने व्यक्त की चिंता, कोरोना वायरस की दहशत ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है. देश में कोरोना का पीक कब होगा? और कब कोरोना से होने वाली मौतों का सिलसिला थमेगा? इन सवालों का जवाब नई दिल्ली स्थित एम्स के डायरेक्ट रणदीप गुलेरिया ने एक टीवी इंटरव्यू में दिए.

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अलग-अलग समय पर पीक
डॉ. गुलेरिया ने कहा, ‘भारत एक बड़ा देश है, इसलिए यहां अलग-अलग समय पर कोरोना का पीक आएगा. पश्चिम भारत में कोरोना के केस बढ़ने के बाद कुछ हद तक कम होने शुरू हो गए हैं. अगर हम महाराष्ट्र की बात करें तो यहां बढ़ते हुए मामलों को देखकर यही लगता है कि यहां कोरोना पीक पर आ चुका है.’

दिल्ली में अभी पीक नहीं
डॉ. गुलेरिया ने कहा, ‘अगर हम राजधानी दिल्ली या आस-पास के राज्यों जैसे क्षेत्रों की बात करें तो यहां पीक आने में अभी थोड़ा समय और लग सकता है. शायद इस महीने के मध्य तक इन इलाकों में भी कोरोना का पीक आ जाए. हालांकि ये भी मायने रखता है कि हम कोरोना संक्रमण को कंट्रोल करने के लिए कितने सही कदम उठाते हैं.’

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डॉ0 गुलेरिया ने व्यक्त की चिंता पूर्वी भारत में कोरोना संक्रमण फैलना चिंता की बात
उन्होंने पूर्वी भारत में कोरोना के फैलने को लेकर भी चिंता जाहिर की है. डॉ. गुलेरिया ने बताया कि असम और बंगाल जैसे राज्यों में अब कोरोना के मामले तेजी से बढ़ना शुरू हो चुके हैं, जोकि चिंता का विषय है. कोरोना का खतरा हर जगह अलग-अलग समय पर बढ़ेगा, लेकिन इसे लेकर सतर्कता बरती जाए तो इस महीने के आखिर तक संक्रमितों की संख्या कम हो सकती है.

तीसरी लहर का खतरा
वायरस के नेचर को देखते हुए क्या तीसरी लहर आने का भी खतरा है? इसके लिए क्या ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीनेट करना जरूरी है? इस सवाल के जवाब में डॉ. गुलेरिया ने कहा, ‘बिल्कुल, कोरोना की तीसरी लहर का भी खतरा हो सकता है. अगर हम ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीनेट करने में कामयाब होते हैं तो तीसरी लहर दूसरी लहर जितनी खतरनाक साबित नहीं होगी.’

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सख्त लॉकडाउन की ज़रुरत
डॉ. गुलेरिया के मुताबिक, कोरोना की मौजूदा लहर से निपटने के लिए हेल्थ केयर सिस्टम को दुरुस्त करने के साथ-साथ कई और भी चीजें करने की जरूरत है. ये वायरस ह्यूमन टू ह्यूमन ट्रांसफर हो रहा है. अगर लोगों को मिलने ही न दिया जाए तो संक्रमण की चेन अपने आप टूट जाएगी. इसलिए एक सख्त लॉकडाउन की जरूरत है, जिसमें सिर्फ जरूरी लोगों को ही बाहर निकलने की इजाजत होनी चाहिए. ये लॉकडाउन करीब दो हफ्ते का होना चाहिए. सिर्फ वीकेंड पर लॉकडाउन लगाने से कोई फायदा नहीं होगा.

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