लेबनान में सिलसिलेवार हुए पेजर धमाकों में अब एक नया बयान सामने आया है। यह बयान दिया है ताइवान की कंपनी गोल्ड अपोलो ने। बता दें कि इसी कंपनी के पेजर में मंगलवार को विस्फोट हुए, जिनमें नौ लोगों की मौत हो गई और करीब तीन हजार लोग घायल हैं। कंपनी ने कहा है कि जिन पेजर्स में धमाके हुए उनका निर्माण ताइवान में नहीं बल्कि बुडापेस्ट की एक कंपनी द्वारा किया गया। मंगलवार को लेबनान में पेजर्स में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों में नौ लोगों की मौत हुई है और करीब तीन हजार लोग घायल हुए हैं। इस हमले में हिज्बुल्ला के लड़ाके निशाने पर थे।
ताइवान की कंपनी का दावा-बुडापेस्ट में बने ये पेजर्स
जिस कंपनी के पेजर्स में धमाके हुए अब उस ताइवानी कंपनी गोल्ड अपोलो का बयान सामने आया है। इस बयान में कंपनी ने बताया कि जिन पेजर्स में धमाके हुए उनका निर्माण बुडापेस्ट की एक कंपनी द्वारा किया गया था और इन पेजर्स पर सिर्फ ब्रांड के नाम का इस्तेमाल किया गया था। यूरोपीय कंपनी के पास ताइवान की कंपनी गोल्ड अपोलो के नाम से उत्पादों का निर्माण करने का लाइसेंस है। गोल्ड अपोलो के संस्थापक और अध्यक्ष चिंग-कुआंग ने ताइपे में मीडिया से बात करते हुए कहा कि जिन पेजर्स में धमाके हुए हैं, उनका निर्माण हमारे द्वारा नहीं किया गया है, ब्लकि उन पर सिर्फ हमारा ब्रांड नाम था।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, लेबनान के अधिकारियों ने दावा किया है कि इस्राइल द्वारा कई महीनों से हिज्बुल्ला के खिलाफ हमले की तैयारी चल रही थी। हिजबुल्ला ने ताइवान की कंपनी गोल्ड अपोलो को करीब पांच हजार पेजर्स का ऑर्डर दिया था। जो बीते दिनों ही लेबनान पहुंचे थे। ट्रैक किए जाने के डर से हिजबुल्ला के लड़ाके पुराने जमाने के पेजर्स इस्तेमाल कर रहे थे। लेबनान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दावा किया कि जब पेजर्स का निर्माण किया जा रहा था, उसी वक्त मोसाद ने पेजर्स के अंदर एक बोर्ड लगाया था, जिसे पर विस्फोटक पदार्थ लगा था। जैसे ही इस बोर्ड के जरिए पेजर को कोड मिला, तो इन पेजर्स में विस्फोट हो गया। खास बात ये है कि पेजर्स में लगा बोर्ड इस तरह का था कि उसे स्कैनर में पकड़ पाना बेहद मुश्किल था।