अप्रैल में थोक महंगाई दर बढ़कर 15.08 फीसदी पर पहुंच गई जो 9 सालों का उच्चतम स्तर है. मार्च के महीने में थोक महंगाई 14.55 फीसदी रही थी. महंगाई दर में उछाल बाजार के अनुमान से बहुत ज्यादा है.
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पिछले महीने में कोर महंगाई मंथली आधार पर 10.9 फीसदी से बढ़कर 11 फीसदी पर पहुंच गई है. मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्ट्स के लिए महंगाई बढ़कर 10.85 फीसदी हो गई है. वेजिटेबल्स के लिए थोक महंगाई 19.88 फीसदी रही जो मार्च के महीने में 23.24 फीसदी थी. मंथली आधार पर इसमें गिरावट आई है.
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आलू की थोक महंगाई घटकर 19.84 फीसदी और प्याज की थोक महंगाई घटकर -4.02 फीसदी रही. मार्च के महीने में आलू की थोक महंगाई दर 24.62 फीसदी और प्याज की थोक महंगाई -9.33 फीसदी रही थी.
फूड इंफ्लेशन में लगातार उछाल आ रहा है. अप्रैल में फूंड इंफ्लेशन 8.88 फीसदी रहा जो मार्च के महीने में 8.71 फीसदी रहा था. फ्यूल एंड पावर के लिए महंगाई दर 38.66 फीसदी रही जो मार्च के महीने में 34.52 फीसदी रही थी.
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खुदरा महंगाई दर भी 8 साल के नए उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है. पिछले हफ्ते के दौरान जारी हुए आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल में खुदरा महंगाई दर 7.79 फीसदी पर पहुंच गई है. महंगाई दर में ये उछाल खाद्य पदार्थों और तेल की कीमतों में तेजी की वजह से देखने को मिला है. खुदरा महंगाई का ये स्तर मई 2014 के बाद का अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है. यह लगातार चौथा महीना है जब खुदरा महंगाई 6 फीसदी के पार रहा है. रिजर्व बैंक ने खुदरा महंगाई के लिए अपर लिमिट 6 फीसदी का रखा है.