पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड में नलिनी श्रीहरन और चार अन्य दोषियों को शनिवार शाम को 31 साल बाद तमिलनाडु की जेलों से रिहा कर दिया गया। वेल्लोर में महिलाओं की विशेष जेल से रिहा होने के तुरंत बाद नलिनी वेल्लोर केंद्रीय जेल गई, जहां से उसके पति वी. श्रीहरन उर्फ मुरुगन को रिहा किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड के सभी 6 दोषिओं को रिहा करने का आदेश दिया था।
जेल से रिहाई होने के बाद नलिनी की पहली प्रतिक्रिया भी सामने आई है। नलिनी ने कहा, ‘सार्वजनिक जीवन में नहीं आ रही, तमिलों को धन्यवाद।’नलिनी ने आगे कहा, मैं तमिलनाडु के लोगों का शुक्रगुजार हूं जिन्होंने 32 साल तक मेरा साथ दिया। मैं राज्य और केंद्र सरकार दोनों को धन्यवाद देता हूं। बाकी चीजों के बारे में मैं कल चेन्नई में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बात करूंगी। सुप्रीम कोर्ट के वकील भी कल बात करेंगे।
मुरुगन के अलावा मामले में अन्य दोषी संथन को रिहाई के बाद राज्य के तिरुचिरापल्ली स्थित विशेष शरणार्थी शिविर ले जाया गया। दोनों श्रीलंकाई नागरिक हैं। राजीव गांधी हत्याकांड के दोषी रॉबर्ट पायस और जयकुमार की पुझाल जेल से रिहाई के बाद विशेष शरणार्थी शिविर ले जाया गया। पायस और राजकुमार भी श्रीलंकाई नागरिक हैं।
शुक्रवार को क्या कहा था सुप्रीम कोर्ट?
सुप्रीम कोर्ट के शुक्रवार के आदेश की प्रति मिलने के बाद जेल अधिकारियों ने चार श्रीलंकाई नागरिकों सहित सभी छह दोषियों को रिहा करने की प्रक्रिया शुरू की थी। कोर्ट ने यह उल्लेख किया कि एक अन्य दोषी एजी पेरारिवलन को रिहा करने के लिए पहले दिया गया उसका आदेश इन दोषियों पर भी समान रूप से लागू होता है।
हमले के लिए आत्मघाती हमलावर का लिया गया था सहारा
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरम्बुदूर में चुनावी रैली के दौरान एक महिला आत्मघाती हमलावर ने हत्या कर दी थी। नलिनी के अलावा उसके पति वी. श्रीहरन उर्फ मुरुगन, आर.पी. रविचंद्रन, संथन, रॉबर्ट पायस और जयकुमार को रिहा किया जाना था। श्रीहरन, संतन, रॉबर्ट और जयकुमार श्रीलंकाई नागरिक हैं जबकि नलिनी और रविचंद्रन तमिलनाडु से ताल्लुक रखते हैं।