नेपाल सरकार ने कई दिनों तक हुई बारिश के बाद बुधवार को भारी बारिश के लिए अलर्ट जारी किया है। वहीं बाढ़ और भूस्खलन के चलते हिमालयी राष्ट्र में अब तक 240 लोगों की मौत हो चुकी है। नेपाल के गृहमंत्री रमेश लेखक ने अधिकारियों और आपदा प्रबंधन एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि मौसम पूर्वानुमान में बुधवार और गुरुवार तक कोशी, बागमती प्रांतों के साथ-साथ काठमांडू घाटी में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है।
लेखक ने राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण और प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीआरआरएमए), मुख्य जिला अधिकारियों और स्थानीय निकायों से आपदाओं के संभावित जोखिम के प्रति सावधानी बरतने का आग्रह किया। मंत्रालय ने जनता से सतर्क रहने, भारी वर्षा के संभावित खतरों और उसके परिणामों को कम करने के लिए तैयार रहने की भी अपील की।
लेखक ने कहा कि मैंने कोशी और बागमती प्रांत के मुख्य जिला अधिकारियों और आपदाग्रस्त प्रांतों में सभी सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुखों को अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया है। भूस्खलन और बाढ़ के कारण प्रमुख राजमार्गों और सड़कों की स्थिति को ध्यान में रखते हुए लेखक ने यात्रियों से यात्रा करते समय सावधान रहने का आग्रह किया।
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ऋषिराम तिवारी ने कहा कि बाढ़ प्रभावित इलाकों से अब तक 13,071 लोगों को बचाया गया है। पिछले गुरुवार से शुरू हुई आपदा रविवार तक कई प्रांतों में व्यापक विनाश का कारण बनी रही। इससे हजारों लोग विस्थापित हो गए। खोज, बचाव और राहत वितरण के सभी प्रयासों के लिए नेपाल सेना, सशस्त्र पुलिस बल और नेपाल पुलिस सहित 20,000 से अधिक सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है।
दरअसल, बाढ़ और भूस्खलन के कारण नेपाल के कई हिस्सों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया था। कई राजमार्ग और सड़क क्षतिह्रस्त हो गए थे। सैकड़ों घर और पुल दब गए या बह गए थे। बाढ़ और भूस्खलन के कारण काठमांडू की तरफ जाने वाली मार्ग अवरुद्ध हो गई। हजारों की संख्या में लोग फंस गए थे।