अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने लाओस की लॉन्ग शेंग कंपनी के सीईओ के खिलाफ चार्जशीट दायर की है। चार्जशीट के मुताबिक कंपनी के सीईओ पर अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी रैकेट में शामिल होने, नौकरी के बहाने युवाओं को लुभाकर उनसे साइबर ठगी और ऑनलाइन धोखाधड़ी कराने का आरोप है।
एनआईए अधिकारियों ने चार्जशीट में आरोप लगाया है कि तस्करी के शिकार युवा जब गोल्डन ट्राइ एंगल लाओस में साइबर ठगी करने से इन्कार कर देते थे तो उनको भूखा रखा जाता था। साथ ही बंद कमरे में उनको कोडे़ मारे जाते थे। जब कुछ युवा सोशल मीडिया पर लोगों को अपने जाल में फंसाकर उनसे धोखाधड़ी नहीं कर सके तो उनको बिजली के झटके दिए गए।
एनआईए अफसरों ने बताया कि जून में गिरफ्तार किए गए आरोपी सुदर्शन दराडे अपनी दक्षिण पूर्व एशियाई देश बोकेओ स्थित लॉन्गशेंग कंपनी के जरिये युवाओं की नौकरी के बहाने लाओस और बैंकॉक में तस्करी कराता था। एजेंसी ने दराडे को मुख्य अपराधी मानते हुए उसके खिलाफ मुंबई की एक अदालत में आरोप पत्र दायर किया है।
दराडे की कंपनी व्हाट्सएप के जरिये युवाओं के साक्षात्कार कराती थी और नियुक्ति पत्र भेजती थी। इसके बाद युवा जब लाओस या बैंकॉक पहुंचते थे तो उन्हें ऑनलाइन क्रिप्टो मुद्रा धोखाधड़ी करने के लिए मजबूर किया जाता। मामले में दराडे से पहले एनआई ने जेरी जैकब और गॉडफ्रे अल्वारेस को गिरफ्तार किया था। साथ ही इस मामले में अब तक पांच चार्जशीट दायर की जा चुकी हैं।
एनआईए के मुताबिक दराडे जैकब से भारतीय युवाओं को गोल्डन ट्रायंगल लाओस ले जाने की व्यवस्था कराता था। दराडे के मोबाइल फोन से बड़ी मात्रा में आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई है। पूछताछ में दराडे ने एनआईए को एक और आरोपी सनी गोंसाल्वेस के साथ-साथ विदेशी नागरिक नी नी और एल्विस डू के बारे में भी बताया है। तीनों फरार हैं। एजेंसी फरार आरोपियों की तलाश में जुटी है।
अफसरों ने बताया कि एनआईए रैकेट में शामिल अन्य लोगों के बारे में जानकारी इकट्ठा करने के लिए पीड़ितों के साथ लगातार संपर्क में है। साथ ही रोजगार के लिए असत्यापित अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के साथ जुड़ने के खतरों के बारे में भी युवाओं के बीच जागरूकता फैला रही है।