महाराष्ट्र के औरंगाबाद में शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे के काफिले पर पथराव के आरोप लगे हैं। आदित्य ठाकरे शिव संवाद यात्रा के दौरान वैजापुर के महलगांव में एक जनसभा को संबोधित करने पहुंचे थे। इस दौरान उनकी जनसभा के दौरान हंगामा हुआ और जब आदित्य ठाकरे कार्यक्रम से जा रहे थे तो उनके काफिले पर पथराव भी हुआ। कुछ लोगों ने आदित्य ठाकरे की गाड़ी के सामने आकर रास्ता रोकने की भी कोशिश की और नारेबाजी भी की।
विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने बताया कि जनसभा के दौरान भी पत्थर फेंके गए। जब आदित्य ठाकरे जनसभा को संबोधित कर जा रहे थे, तब भी उनके काफिले पर कुछ पत्थर फेंके गए। लोगों की भीड़ स्थानीय विधायक रमेश बोरनारे के समर्थन में नारेबाजी कर रही थी। दानवे ने कहा कि यह दो गुटों के बीच झड़प कराने की असामाजिक तत्वों की कोशिश थी। अंबादास दानवे ने कहा कि उन्होंने महाराष्ट्र के डीजीपी को पत्र लिखकर आदित्य ठाकरे की सुरक्षा में हुई चूक की जानकारी दी है। दानवे ने मामले को गंभीर बताते हुए डीजीपी से औरंगाबाद की घटना की जांच कराने और जरूरी कदम उठाने की मांग की है। हालांकि पुलिस का कहना है कि कोई पथराव नहीं हुआ और सिर्फ नारेबाजी की घटना हुई।
बताया जा रहा है कि मंगलवार को रमा माता की जयंती थी। इसके तहत महलगांव में एक रैली निकाली गई थी, जिसमें डीजे बज रहा था। जहां से रैली निकाली जा रही थी, वहां आदित्य ठाकरे की सभा का आयोजन हो रहा था। इसी दौरान कुछ लोगों ने आदित्य ठाकरे की सभा के बाहर पुलिस प्रशासन और आदित्य ठाकरे के खिलाफ जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी। इस पर पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर किया। इसके बाद गुस्साई भीड़ ने आदित्य ठाकरे के काफिले को रोकने की कोशिश की और इसी दौरान आरोप लगा कि काफिले पर पथराव भी किया गया।