पश्चिम बंगाल के भाजपा युवा मोर्चा की नेता पामेला गोस्वामी ने कोकीन बरामदगी के फर्जी मामले में फंसाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। भाजपा नेता ने इस मामले में फंसाने के लिए सुप्रीम कोर्ट से मुआवजा दिलाने की अपील की है। पामेला का यह कदम उन्हें मामले में बरी किए जाने के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका को सुप्रीम कोर्ट द्वारा खारिज किए जाने के बाद आया है।
पामेला ने शीर्ष कोर्ट में दाखिल अपनी याचिका में कहा है कि वह एक आपराधिक साजिश का शिकार हुईं हैं। उन्हें बिना किसी गलती के इस मामले में फंसाया गया था। इसके चलते उन्हें एनडीपीएस मामले में आपराधिक कार्यवाही का सामना करना पड़ा था। उन्होंने याचिका में यह दलील भी दी कि इस दौरान याचिकाकर्ता को 19 फरवरी, 2021 से 10 दिसंबर, 2021 तक कुल 295 दिन तक पुलिस ने अवैध रूप से हिरासत में रखा था। उन्होंने दलील दी कि भाजपा की एक प्रमुख युवा नेता होने के नाते इन झूठे आरोपों के कारण उनकी व्यक्तिगत और सार्वजनिक प्रतिष्ठा को हानि पहुंची है।
गौरतलब है कि न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने 29 फरवरी को कलकत्ता हाई कोर्ट के 16 मार्च 2023 के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था। कलकत्ता हाई कोर्ट ने अपने फैसले में पामेला गोस्वामी को कोकीन रखने के आरोप से बरी कर दिया गया था। हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि कोलकाता पुलिस को पूरी पूछताछ में गोस्वामी के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला था। अदालत ने यह भी कहा था कि जांच से खुलासा हुआ कि एक अन्य भाजपा नेता राकेश सिंह ने व्यक्तिगत द्वेष के कारण उनके पास कोकीन छिपाई थी।
बता दें कि फरवरी 2021 में कोलकाता के न्यू अलीपुर थाने की पुलिस ने 100 ग्राम कोकीन के साथ पामेला गोस्वामी और दो अन्य लोगों को उनकी कार से 76 ग्राम कोकीन बरामद होने के बाद गिरफ्तार किया था। पामेला गोस्वामी साल 2019 में भाजपा में शामिल हुई थीं। उन्होंने मॉडलिंग से अपने करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद एयर होस्टेस का भी काम किया। फिर बंगाली टेलीविजन की दुनिया में कदम रखा था।