रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतीन ने अफ़ग़ानिस्तान में अमेरिका की 20 वर्षों की उपस्थिति के बाद की स्थिति को त्रासदी का नाम दिया और कहा कि उनका देश अफ़ग़ानिस्तान का विभाजन नहीं चाहता क्योंकि कोई पक्ष नहीं है जिससे मॉस्को वार्ता करे।
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इसी प्रकार उन्होंने कहा कि डेमोक्रेसी को ताक़त के बल पर नहीं थोपा जा सकता और अगर लोगों को डेमोक्रेसी की ज़रूरत होगी तो स्वाभाविक ढंग से वे उसे प्राप्त कर लेंगे।
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व्लादिमीर पुतीन ने कहा कि राष्ट्रसंघ और सुरक्षा परिषद को पांच स्थाई सदस्यों के साथ विश्व में शांति व सुरक्षा स्थापित करने की ज़िम्मेदारी निभानी चाहिये।
उन्होंने कहा कि इस समय अफ़ग़ानिस्तान में बहुत से अतिवादी गुट सक्रिय हैं और वे अफ़ग़ानिस्तान के पड़ोसियों और रूसी घटकों के ख़तरा व चुनौती हैं। इसी प्रकार उन्होंने कहा कि तालेबान में केवल एक गुट व समुदाय के लोग नहीं हैं और उसके अधिकांश सदस्यों का संबंध पश्तून क़बीलों से है और दाइश सहित बहुत से दूसरे गुट अफ़ग़ानिस्तान में मौजूद हैं और बहुत से अतिवादी लोगों को जेल से छोड़ दिया गया है।
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इसी बीच रूसी विदेशमंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा ने अफ़ग़ानिस्तान में व्यापक सरकार के गठन पर बल देते हुए कहा है कि अफ़ग़ानिस्तान में नई सरकार बन जाने के बाद उसे मान्यता देने की समीक्षा की जायेगी।