पुणे का सड़क हादसा इन दिनों विवादों में है। मामले में पुणे पुलिस ने मंगलवार को दो और लोगों को गिरफ्तार किया है। दोनों लोगों पर आरोप है कि वे ससून जनरल अस्पताल के आरोपी डॉक्टरों और आरोपी किशोर के पिता के बीच बिचौलिए की भूमिका निभा रहे थे। वे वित्तीय लेन-देन में मदद कर रहे थे।
अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने अशफाक मकंदर और अमर गायकवाड़ को गिरफ्तार किया है। अपराध शाखा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जांच में पता चला है कि मकंदर और गायकवाड़ पिता और आरोपी डॉक्टरों के बीच बिचौलिए के रूप में काम करते थे। दोनों ने कथित तौर पर ससून जनरल अस्पताल के एक कर्मचारी अतुल घाटकांबले को रक्त के नमूने बदलने के लिए तीन लाख रुपये दिए। अस्पताल में फोरेंसिक मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ. अजय टावरे को भी मामले में गिरफ्तार किया गया है। कथित तौर पर दोनों और डॉ. हलनोर तथा घाटकांबले के बीच मुख्य कड़ी थे। जांच के दौरान पुलिस घाटकांबले से 50 लाख रुपये और डॉ. हलनोर से 2.5 लाख रुपये पहले ही बरामद कर चुकी है।
अब जानें पूरा मामला
पूरा मामला शुरू होता है रविवार से। रविवार तड़के 17 साल का आरोपी नशे में लग्जरी कार चला रहा था। इस दौरान उसने एक बाइक को टक्कर मार दी। इसमें दो लोगों की मौत हो गई। दोनों पेशे से इंजीनियर थे। आसपास के लोगों ने आरोपी को पहले तो खूब पीटा फिर पुलिस को सौंप दिया। मृतकों की पहचान अनीश अवधिया और अश्विनी कोस्टा के रूप में हुई है। दोनों पार्टी करके घर जा रहे थे।
केस दर्ज कर कोर्ट में पेश किया, बाद में रिहाई हुई
आरोपी के खिलाफ येरवडा पुलिस स्टेशन में 279 (रैश ड्राइविंग), 304 ए (लापरवाही से मौत), 337 (मानव जीवन को खतरे में डालना) और 338 (गंभीर चोट पहुंचाना) सहित अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया। आरोपी को हिरासत में भी लिया गया। रविवार को ही उसे कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने उसे निबंध लिखने की सजा देकर रिहा कर दिया था। बाद में विवाद बढ़ा तो कोर्ट ने उसकी जमानत रद्द कर दी और उसे अवलोकन गृह भेज दिया। पुलिस ने आरोपी के पिता सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया।