ऑस्ट्रेलिया की एक अदालत ने कैनबरा में भारत के पूर्व उच्चायुक्त नवदीप सिंह सूरी को एक पूर्व घरेलू कर्मचारी को हजारों डॉलर का मुआवजा देने का आदेश दिया है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, महिला कर्मचारी ने सूरी पर अनुचित परिस्थितियों में काम करवाने का आरोप लगाया था। नई दिल्ली में मामले से परिचित लोगों ने कहा कि यह ऑस्ट्रेलियाई अदालत में एक पक्षीय कार्यवाही थी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक संघीय अदालत के न्यायाधीश एलिजाबेथ रैपर ने सूरी को 60 दिनों के भीतर सीमा शेरघिल को 136,000 डॉलर से अधिक और ब्याज का भुगतान करने का आदेश दिया।
इसमें कहा गया है कि शेरघिल ने अप्रैल 2015 में ऑस्ट्रेलिया की यात्रा की थी और अपने कैनबरा स्थित घर पर सूरी के लिए काम करते हुए लगभग एक साल बिताया था। मामले से परिचित लोगों ने कहा कि शेरघिल को आधिकारिक पासपोर्ट जारी किया गया था और 2016 में भारत लौटने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने सरकारी आदेशों की अवहेलना की।
उन्होंने 2021 में ऑस्ट्रेलियाई नागरिकता ले ली और यह मानने के कारण हैं कि उसने उस देश में वापस रहने के इरादे से मामला दायर किया है। उनके अनुसार, यदि कर्मचारी को कोई शिकायत थी, तो उसे भारत लौटना चाहिए था और सक्षम अधिकारियों या किसी अदालत से संपर्क करना चाहिए था। ऑस्ट्रेलियाई अदालत के फैसले पर विदेश मंत्रालय की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि संघीय अदालत ने सुना है कि शेरगिल ने सप्ताह में सात दिन, प्रति दिन 17.5 घंटे काम किया। इसमें कहा गया है कि शिकायत करने से पहले शेरघिल को शुरू में प्रति दिन लगभग 7.80 डॉलर के बराबर भुगतान किया गया था और सूरी ने उसकी दर बढ़ाकर 9 डॉलर प्रति दिन कर दी थी।