अंतर्राष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमत बढ़कर 110 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच चुकी है। जो पिछले आठ साल का उच्चतम स्तर है। इसी तरह डब्ल्यूटीआई भी 4.88 फीसदी तेजी के साथ 108.64 डॉलर पर पहुंच गया।
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कच्चे तेल की कीमत में बढ़ोतरी का असर भारतीय अर्थव्यस्था पर भी जमकर हो रहा है। इसके बावजूद देश में पिछले 4 महीने से पेट्रोल और डीजल के दाम स्थिर है। लेकिन जानकारों का कहना है कि जैसे ही पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव के खत्म होंगे देश में तेल की में बड़ी बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। एक आंकलन के मुताबिक 7 मार्च के तत्काल बाद देश में पेट्रोल और डीजल 12 से 15 रुपये प्रति लीटर तक महंगा हो सकता है।
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देश में पेट्रोल और डीजल की खुदरा बिक्री दरें 80-82 डॉलर प्रति बैरल के कच्चे तेल भाव के अनुरूप हैं। इससे तेल कंपनियों की रोजाना भारी नुकसान हो रहा है। कच्चे तेल की कीमत में एक डॉलर की बढ़ोतरी से पेट्रोल-डीजल की खुदरा कीमत में 50 पैसे की बढ़ोतरी होती है। इस हिसाब से देखें तो कच्चे तेल की कीमत में इस दौरान करीब 30 डॉलर का इजाफा हो चुका है। यानी पेट्रोल और डीजल की कीमत में 15 रुपये तक की बढ़ोतरी हो सकती है।
आपको बता दें कि दुनिया के कई देशों में पेट्रोल और डीजल की कीमत रेकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है लेकिन भारत में दिवाली से इसमें कोई बदलाव नहीं आया है। 03 नवंबर 2021 को एक्साइज ड्यूटी में कटौती के बाद से राष्ट्रीय स्तर पर पेट्रोल और डीजल स्थिर हैं। लेकिन इसके विपरीत कच्चे तेल की कीमतों में काफी बढ़ोतरी हो चुकी है।
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माना जा रहा है पांच राज्यों में चल रहे विधानसभा चुनावों के बात पेट्रोल-डीजल की कीमत में भारी इजाफा हो सकता है। दिल्ली में अभी पेट्रोल की कीमत 95.41 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 86.67 रुपये लीटर है। लेकिन अगले कुछ दिनों में इसमें 12 से 15 रुपये प्रति लीटर का इजाफा हो सकता है।