28 C
Mumbai
Wednesday, October 23, 2024

आपका भरोसा ही, हमारी विश्वसनीयता !

‘पॉलीग्राफ टेस्ट में गुमराह करने वाले जवाब दे रहे संदीप घोष’, आरजी हत्याकांड को लेकर CBI का बड़ा दावा

पश्चिम बंगाल में प्रशिक्षु महिला डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले को एक महीने से अधिक समय हो गया है। पूरे देश में विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। इस मामले में लगातार नए-नए चौंकाने वाले पहलू सामने आ रहे हैं। अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने एक हैरान करने वाला दावा किया है। जांच एजेंसी का कहना है कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष ने पॉलीग्राफ टेस्ट में हर अहम सवाल का भ्रामक जवाब दिया। उन्होंने आवाज के विश्लेषण के दौरान भी जांच एजेंसी को गुमराह करने की कोशिश की।

डॉक्टर घोष पर लगे ये भी आरोप
वित्तीय अनियमितताओं के मामले में पहले ही गिरफ्तार किए गए डॉ. घोष पर अब सबूतों से छेड़छाड़ का भी आरोप लगाया गया है। अस्पताल में महिला रेजीडेंट डॉक्टर के दुष्कर्म और हत्या की घटना ने देश को हिलाकर रख दिया है। सियालदह की एक अदालत ने संदीप घोष को 17 सितंबर तक सीबीआई की हिरासत में भेजा है। वहीं, सीबीआई ने अभिजीत मंडल को भी सबूतों से छेड़छाड़ करने के आरोप में गिरफ्तार किया है।

पॉलीग्राफ टेस्ट और आवाज विश्लेषण के दौरान…
जांच के दौरान पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष का पॉलीग्राफ टेस्ट और आवाज विश्लेषण किया गया। घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने बताया कि नई दिल्ली स्थित केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) की एक रिपोर्ट के मुताबिक उनका बयान इस मामले से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर भ्रामक पाया गया है। उन्होंने आगे कहा कि हो सकता है कि पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान मिली जानकारी को ट्रायल के दौरान सबूत के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जा सके। मगर, एजेंसी पुष्टि करने वाले सबूत इकट्ठा कर सकती है, जिनका इस्तेमाल अदालत में किया जा सकता है।

आत्महत्या दिखाने की कोशिश की
सीबीआई ने आरोप लगाया कि घोष को इस मामले की जानकारी नौ अगस्त को नौ बजकर 58 मिनट पर मिल गई थी, लेकिन उन्होंने तत्काल पुलिस में शिकायत नहीं की। घोष ने बाद में चिकित्सा अधीक्षक-उप प्रधानाचार्य के माध्यम से एक अस्पष्ट शिकायत की। जबकि पीड़िता को दोपहर 12 बजकर 44 मिनट पर मृत घोषित कर दिया गया था।

अधिकारी ने आगे बताया, ‘उन्होंने तुरंत एफआईआर दर्ज कराने की कोशिश नहीं की। बल्कि आत्महत्या का एक नया सिद्धांत पेश किया। जबकि पीड़िता के शरीर पर दिखाई देने वाली चोट के अनुसार यह संभव नहीं है।’

पर्दाफाश करने की जरूरत: CBI
जांच एजेंसी का कहना है कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष ने अस्पताल परिसर में 31 साल की डॉक्टर का शव मिलने के कुछ घंटों बाद ताला पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी अभिजीत मंडल से बात की थी। इनमें कोई सांठगांठ हो सकती है और इसका पर्दाफाश करने की जरूरत है।

सीबीआई ने आरोप लगाया है कि घोष ने सुबह 10 बजकर तीन मिनट पर अभिजीत मंडल से संपर्क किया और दोपहर एक बजकर 40 मिनट पर एक वकील से संपर्क किया, जबकि अप्राकृतिक मौत का मामला रात साढ़े 11 बजे बजे दर्ज किया गया। गिरफ्तार किए गए मंडल को घटना की सूचना नौ अगस्त को सुबह 10 बजकर तीन मिनट पर मिल गई थी, लेकिन वह तुरंत घटनास्थल पर नहीं पहुंचे। अधिकारियों ने दावा किया कि मंडल एक घंटे बाद घटनास्थल पर पहुंचे थे।

यह है मामला
गौरतलब है, अस्पताल के सेमिनार कक्ष में नौ अगस्त को प्रशिक्षु डॉक्टर का शव मिलने के बाद से घटना के विरोध में देशव्यापी प्रदर्शन हो रहे हैं। पुलिस ने इस सिलसिले में कोलकाता पुलिस के नागरिक स्वयंसेवक संजय रॉय को गिरफ्तार किया था। टीएमसी सरकार और पश्चिम बंगाल पुलिस कठघरे में है। सुप्रीम कोर्ट से लगातार फटकार लग रही है। तनाव बढ़ता देख कलकत्ता हाईकोर्ट ने 13 अगस्त को जांच सीबीआई को सौंप दी थी। इससे पहले कोलकाता पुलिस मामले की जांच कर रही थी।

ताजा खबर - (Latest News)

Related news

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here