कर्नाटक विधानसभा ने महाराष्ट्र के साथ सीमा मुद्दे पर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया। इसमें राज्य के हितों की रक्षा करने का संकल्प लिया गया। सर्वसम्मति से पारित किए गए प्रस्ताव में महाराष्ट्र द्वारा निर्मित सीमा विवाद की निंदा की गई है। प्रस्ताव में कहा गया है कि अगर कोई मंत्री इस मुद्दे पर बयान देना जारी रखता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। वहीं दूसरी ओर, पंचमसाली लिंगायतों ने आरक्षण के मुद्दे को लेकर बेलगावी जिले में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। गौरतलब है कि बेलगावी में कर्नाटक राज्य विधानसभा का सत्र चल रहा है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दोनों पड़ोसी राज्यों में 56 साल से जारी सीमा विवाद को बढ़ने से रोकने के लिए तीन मंत्रियों की एक समिति गठित की है। समिति में दोनों राज्यों का एक एक मंत्री शामिल है।
दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद गहरा रहा है। सीमाओं पर प्रदर्शन हो रहे हैं। बीते दिनों बस व ट्रकों पर पथराव जैसी उग्रता भी नजर आई थी। कर्नाटक के बेलगावी में चल रहे विधानसभा सत्र में मंगलवार को आधे दिन तक सीमा विवाद पर चर्चा हुई थी। जिसके बाद आज इस मुद्दे पर प्रस्ताव पारित किया गया है।
सीएम बोम्मई ने रखा प्रस्ताव का सुझाव
मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने मंगलवार को सदन में चर्चा के दौरान सुझाव दिया था कि दोनों सदनों को यह कहते हुए एक प्रस्ताव पारित करना चाहिए कि सीमा विवाद का मुद्दा सुलझा लिया गया है, जिस पर विपक्षी नेता सिद्धारमैया ने सहमति जताई थी
भाषाई आधार पर राज्यों के गठन के वक्त सीमाएं तय
संभावित प्रस्ताव में कहा गया है कि ‘जब भाषाई आधार पर राज्यों का गठन किया गया था, उसी दिन सीमाएं भी निर्धारित कर दी गई थीं। जहां तक कर्नाटक का सवाल है, महाराष्ट्र के साथ उसका कोई सीमा विवाद नहीं है और जस्टिस महाजन समिति की सिफारिशें अंतिम हैं।’
सिद्धारमैया ने उठाया था मामला, सीएम बोले जल्द सर्वदलीय बैठक
मंगलवार को शून्यकाल के दौरान विपक्ष के नेता व पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सीमा विवाद का मुद्दा उठाया था। सीएम बोम्मई ने जवाब दिया कि जहां तक राज्य का संबंध है, सीमा विवाद सुलझा लिया गया है और राज्य महाराष्ट्र को एक इंच जमीन नहीं देगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार जल्द ही इस मामले पर सर्वदलीय बैठक करेगी।