अभिभावकों के पास बच्चों को छुड़ाने के पैसे नही थे।
छत्तीसगढ़: व्यवसायी योग गुरु रामदेव लगातार एक के बाद एक विवादों से घिरते चले जा रहे हैं , IMA से उनका विवाद चरम पर चल रहा कि अब उनके पतंजलि गुरुकुल स्कूल पर छात्रों को बंधक बनाने का आरोप भी लग रहा है. और यह आरोप उन चार बच्चों के पालकों ने लगाए हैं जिनके बच्चे पतंजलि गुरुकुल में पढ़ाई करने गए थे.
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मामला कुछ इस तरह है
कि छ्त्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल गरियाबंद जिले के चार लड़के जिन्हें बाबा रामदेव के पतंजलि गुरुकुलम हरिद्वार स्थित वैदिक कन्या गुरुकुलम में 2 लाख 25 हजार रुपये देकर भर्ती कराया गया था। जब इन छोटे बच्चों के अभिभावक अपने बच्चों को लेने आश्रम पहुंचे तो आश्रम प्रबंधन ने बच्चों को छोड़ने से इनकार कर दिया और सिक्योरिटी मनी के रूप में दो लाख रुपये की मांग की। अभिभावकों के पास बच्चों को छुड़ाने के पैसे नही थे। जैसे तैसे उन्होंने इसकी सूचना छ्त्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री कार्यालय को दी और सरकार हरकत में आई।
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गरियाबंद के कलेक्टर नीलेश क्षीरसागर और एसपी ने तत्काल इसकी सूचना अपने उत्तराखंड के बैचमेट्स को दी और वहां हरिद्वार के कलेक्टर से बात करके बच्चों को छुड़ाने के प्रयास शुरू किए। कलेक्टर ने इस बात से इनकार नही किया है कि रामदेव के गुरुकुल में अभी और बच्चे भी बंधक हो सकते हैं। फिलहाल बच्चों के रेस्क्यू का काम तेजी से चल रहा है। अभिवावकों का आरोप यह भी है कि जब देश मे सारे विद्यालय बंद हैं बाबा अपने गुरुकुल को खोलकर इन बच्चों से कोरोनिल बनवा रहा था।
वहीँ छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी ट्वीट करके जानकारी दी है कि पतंजलि गुरुकुल स्कूल में छत्तीसगढ़ के 4 छात्रों को बंधक बनाए जाने की शिकायत मुझ तक पहुंची थी।
बघेल ने ट्वीट किया कि “पतंजलि गुरुकुल स्कूल में छत्तीसगढ़ के 4 छात्रों को बंधक बनाए जाने की शिकायत मुझ तक पहुंची थी।
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गरियाबंद कलेक्टर और एसपी की पहल पर बंधक बनाए गए बच्चों को छोड़ दिया गया है।
मैं बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूँ।”
वहीँ हरिद्वार के जिलाधिकारी का पूरे मामले पर कहना है कि मामला उनके संज्ञान में आया है। इस पर संबंधित संस्थान से बात की गई है और अधिकारियों को भी जांच करने के निर्देश दिए गए हैं।