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बागी शिंदे के प्रमोशन, देवेन्द्र फडणवीस फिसड्डी रहने पर डिमोशन ?

आपकी अभिव्यक्ति

राजनिति का खेल इसे ही कहते हैं, बाज़ी कब किसके हाथ लग जाए, ये काई नहीं जानता बड़े बड़े भीवष्य वक्ता की भविष्य वाणी भी धरी की धरी रह जाती, मिडिया हाउस के बड़े-बड़े पंडित अपना मूँह पीटते नजर आते हैं, जब राजनिति के धुरन्धर अपनी राजनिति की वीसाद बिछाते हैं ऐसी स्थिति में कुछ भी कहना जल्दबाजी होती है लेकिन हुजूर वफादारी भी कोई चीज होती है भले ही मुँह की खानी पड़े तो क्या हुआ .

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एसा ही कुछ आज महाराष्ट्र की राजनिति में घटित हुआ है जहाँ पोलिटिकल पंडित और भविष्यवक्ताओं की भविष्यवाणी फ्लॉप शो साबित हुई

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ज्ञात हो की 2019 में भी ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई थी उसे वक़्त भी एकनाथ को ही मुख्यमंत्री बनाने को लेकर रस्साकसी हुई लेकिन बीजेपी फडणवीस सायद न चाहते हो की जो व्यक्ति उनके नेतृत्व मे निचले पद पर आसीन रहा हो और उसी के नेतृत्व में नीचे कार्य करना पड़े ये उन्हें मंजूर न रहा हो , लेकिन इसी को वक्त का पहिया कहते है आज बस व्यक्ति ने अपने का एहसास कराते हुए ये कर दिखाया कि वो राजनिति का धुरंधर है, और वो परिस्थितियों को विपरीत दिशा से अपना ओर परिवर्तित करना का माददा रखता है, भले हो उसके लिए उसे बुहुत कुछ तिलांजल देनी पड़े , एसा पूर्व में कई दिग्गजों ने भी किया है, तब वो आज उस पद पर आसीन है

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आज BJP के शीर्ष नेतृत्व ने भी एहसास किया होगा तभी जाकर कोई इतना बड़ा फैसला लिया गया होगा, जिसका ही प्रतिसाद है कि आज एक को प्रमोशन तो दूसरे का डिमोशन किया ग्या, सायद फडणवीस राजनिति में फिसड्डी नजर आ रहे हो , एकनाथ अव्वल

ऍड – रवि .जी. निगम

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