राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी (एसपी) प्रमुख शरद पवार ने आगामी विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने की मांग को खारिज कर दिया है। उन्होंने शनिवार को कहा कि महाराष्ट्र में विपक्षी दलों के गठबंधन महा विकास आघाड़ी (एमवीए) का फार्मूला ही सामूहिक नेतृत्व है। ऐसे में मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं किया जाएगा। इससे शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे की उम्मीदों पर पानी फिर गया है।
शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत लगातार मांग कर रहे हैं कि अक्तूबर में होने वाले राज्य विधानसभा के चुनाव से पूर्व मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया जाना चाहिए। राउत चाहते हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को चेहरा बनाया जाए। क्योंकि बिना चेहरे के महाराष्ट्र में चुनाव लड़ना एमवीए के लिए खतरनाक होगा। लेकिन, शरद पवार ने यह कहकर उनकी हवा निकाल दी है कि कोई एक व्यक्ति हमारे मुख्यमंत्री पद का चेहरा नहीं बन सकता। शरद पवार महाराष्ट्र में एमवीए के शिल्पकार माने जाते हैं। उन्होंने ही शिवसेना और कांग्रेस को एक साथ लाकर साल 2019 में राज्य में उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। लोकसभा में अच्छे प्रदर्शन के बाद एमवीए का आत्मबल बढ़ा है। इसलिए एमवीए के नेता दावा कर रहे हैं कि विधानसभा चुनाव में 288 में से 155 सीटों पर भाजपा हारी है। इन सीटों पर एमवीए विजयी होगी और राज्य में सरकार बनाएगी।
आपातकाल पर बिरला की टिप्पणी उनकी गरिमा के अनुरूप नहीं
पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने आपातकाल पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की टिप्पणी उचित नहीं थी। यह उनकी गरिमा के अनुरूप नहीं था। पवार ने कहा कि आपातकाल के 50 साल बीत चुके हैं और इंदिरा गांधी अब जीवित नहीं हैं। ऐसे में लोकसभा अध्यक्ष इस मुद्दे को क्यों उठा रहे हैं। क्या राजनीतिक बयान देना अध्यक्ष का काम है। इसलिए मुझे लगता है कि ओम बिरला का बयान उचित नहीं था। पवार ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में भी आपातकाल का जिक्र था जो जरूरी नहीं था।