27 C
Mumbai
Thursday, November 21, 2024

आपका भरोसा ही, हमारी विश्वसनीयता !

बेरोजगारी से तीन साल में 25,000 से ज़्यादा लोगों की गयी जान, मोदी सरकार ने माना

विधानसभा चुनाव में बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा है। विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश में है। इसी बीच सरकार ने बुधवार यानी 9 फरवरी को संसद में बेरोजगारी की वजह से अपनी जान देने वालों का एक आंकड़ा पेश किया है।

निडर, निष्पक्ष, निर्भीक चुनिंदा खबरों को पढने के लिए यहाँ >> क्लिक <<करें

सरकार ने बताया है कि 2018 से 2020 के बीच 25 हजार से अधिक भारतीयों ने या तो बेरोजगारी के कारण या फिर कर्ज से दुखी होकर आत्महत्या की है।

अधिक महत्वपूर्ण जानकारियों / खबरों के लिये यहाँ >>क्लिक<< करें

राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने बुधवार को कहा कि 2018 से 2020 के बीच 16,000 से अधिक लोगों ने दिवालिया होने या कर्ज में डूबे होने के कारण आत्महत्या कर ली जबकि 9,140 लोगों ने बेरोजगारी के चलते अपनी जान दे दी। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्यसभा को यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि 2020 में 5,213 लोगों ने दिवालियापन या कर्ज में डूबे होने के कारण आत्महत्या की जबकि 2019 में यह संख्या 5,908 और 2018 में 4,970 थी। उन्होंने कहा कि 2020 में 3,548 लोगों ने जबकि 2019 में 2,851 और 2018 में 2,741 लोगों ने बेरोजगारी के चलते आत्महत्या की।

‘लोकल न्यूज’ प्लेटफॉर्म के माध्यम से ‘नागरिक पत्रकारिता’ का हिस्सा बनने के लिये यहाँ >>क्लिक<< करें

देश में बेरोजगारी का मुद्दा बड़ा हो गया है। बजट सत्र में भी बेरोजगारी का मुद्दा छाया रहा। कांग्रेस ने सरकार पर युवाओं को धोखा देने का आरोप लगाया। राहुल गांधी ने लोकसभा में रेलवे भर्ती को लेकर हो रहे छात्रों के हंगामे की बात की।

ताजा खबर - (Latest News)

Related news

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here