24 C
Mumbai
Wednesday, December 10, 2025

आपका भरोसा ही, हमारी विश्वसनीयता !

भारत का पहला ‘एंटी-ड्रोन पेट्रोल व्हीकल’ लॉन्च, सीमा सुरक्षा में बड़ी छलांग

सीमाओं की सुरक्षा को मजबूत बनाने, बॉर्डर पार से होने वाली हथियार और ड्रग्स की तस्करी रोकने तथा सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों की जान बचाने के उद्देश्य से भारत का पहला एंटी-ड्रोन गश्ती वाहन (Anti-Drone Patrol Vehicle – ADPV) हैदराबाद में लॉन्च किया गया है। पारंपरिक वाहन-आधारित प्रणालियों से बिल्कुल अलग, यह नया सिस्टम पूर्णत: मोबाइल है और इसे एक प्वाइंट से दूसरे प्वाइंट तक तेज़ी से ले जाया जा सकता है। चलते-फिरते ड्रोन का पता लगाना, उन्हें ट्रैक करना और निष्क्रिय करना – यह वाहन इन सभी क्षमताओं से लैस है।

श्रीनगर स्थित चिनार कॉर्प्स (15) के पूर्व जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल देवेंद्र प्रताप पांडे (सेवानिवृत्त) ने हैदराबाद की आईटी सिटी में इस वाहन को लॉन्च किया। उन्होंने इसे AI-सक्षम, भविष्य की सुरक्षा जरूरतों के हिसाब से तैयार किया गया अभूतपूर्व समाधान बताया। उन्होंने कहा कि ड्रोन अब देश की सीमा में सेंध लगाने का मुख्य माध्यम बन रहे हैं। इस वर्ष अब तक BSF 255 पाकिस्तानी ड्रोन पकड़ चुकी है, जिससे साबित होता है कि ड्रोन अब 3 लाख करोड़ रुपये के ड्रग नेटवर्क का प्रमुख ‘ट्रांसपोर्ट’ बन चुके हैं।

ऐसे में मोबाइल, तेज प्रतिक्रिया वाले एंटी-ड्रोन वाहन की आवश्यकता बहुत बढ़ गई थी। इंद्रजाल रेंजर नामक यह वाहन एक विशेष लड़ाकू वाहन पर आधारित है। यह सीमावर्ती सड़कों, नहरों, खेतों, महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर और घनी आबादी वाले क्षेत्रों में भी ड्रोन के खतरे का मुकाबला कर सकता है। वाहन में लगे सिस्टम की क्षमताएँ इस प्रकार हैं—10 किमी क्षेत्र में ड्रोन का पता लगाना, 5 किमी दायरे में साइबर टेकओवर, 3 किमी में ड्रोन को जाम कर सॉफ्ट किल करना और 2 किमी की दूरी पर इंटरसेप्टर ड्रोन लॉन्च कर दुश्मन के ड्रोन को मार गिराना।

इंद्रजाल के CEO किरण राजू के अनुसार, हर ड्रोन का निष्क्रिय होना एक सुरक्षित जीवन के बराबर है। उन्होंने बताया कि रक्षा मंत्रालय और गृह मंत्रालय के साथ वाहन की तैनाती को लेकर बातचीत जारी है। भारतीय सेना और नौसेना की जरूरत के अनुसार तकनीक में बदलाव भी किए जाएंगे। वाहन का सफल ट्रायल किया जा चुका है – सिर्फ छह दिनों में एक ही लोकेशन से 40 ड्रोन पकड़े गए। वाहन में लगा सिस्टम छह से सात घंटे तक बिना इंजन चालू किए भी काम करता है।

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान आर्मी की एक कमांड में इस सिस्टम का वास्तविक उपयोग भी किया गया था। एडिपीवी इंद्रजाल रेंजर 360° डिटेक्शन, डिजिटल जियोफेंसिंग, स्वचालित उल्लंघन रिकॉर्डिंग, अनधिकृत ड्रोन का साइबर टेकओवर और पुलिस कमांड सेंटरों के साथ समन्वय जैसी उन्नत सुविधाओं से लैस है। इसे हवाई अड्डों, बंदरगाहों, रिफाइनरियों, औद्योगिक गलियारों, बिजली संयंत्रों, मंदिरों, सरकारी परिसरों और वीआईपी सुरक्षा में तुरंत तैनात किया जा सकता है। यह बिना किसी स्थायी सेटअप के हवाई खतरों से बचाने वाला एक गतिशील सुरक्षा कवच तैयार करता है।

ताजा खबर - (Latest News)

Related news

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here