केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना स्मार्ट सिटी मिशन को अब फ्रांस का भी समर्थन मिला है। फ्रांस ने CITIIS-1 कार्यक्रम के लिए भारत को 100 मिलियन यूरो का ऋण दिया है। फ्रांस के विकास, फ्रैंकोफोनी और अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी राज्य मंत्री क्रिसौला जाचारोपोलू ने मंगलवार को इसका एलान किया। उन्होंने बताया कि भारत के CITIIS-1 कार्यक्रम के लिए फ्रांसीसी विकास एजेंसी (एएफडी) और भारत सरकार के बीच 100 मिलियन यूरो के ऋण समझौते पर सहमति बनी है।
इस ऋण को लेकर एक आधिकारिक बयान भी जारी किया गया है। इसमें बताया गया है कि फ्रांस भारत के स्मार्ट सिटीज मिशन का समर्थन करता है। यूरोपीय यूनियन भी इसका समर्थन कर चुका है। इस कार्यक्रम को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स (NIUA) द्वारा कार्यान्वित किया गया है।
बता दें कि साल 2018 में CITIIS 1.0 को लॉन्च किया गया था। इसके जरिए अब तक 12 शहर-स्तरीय परियोजनाओं को लागू किया गया है। यूरोपीय संघ ने छह मिलियन यूरो के योगदान के साथ CITIIS 1.0 कार्यक्रम को तकनीकी सहायता प्रदान की है।
इस कार्यक्रम का दूसरा चरण चक्रीय अर्थव्यवस्था और एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पर केंद्रित है। यह उसी सफल दृष्टिकोण पर आधारित है, जिसमें 212 मिलियन यूरो का बढ़ा हुआ बजट शामिल है। इस समझौते को लेकर भारत के आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि भारतीय शहर ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की बढ़ती चुनौती का सामना कर रहे हैं। भारत में हर साल 62 मिलियन टन ठोस कचरा उत्पन्न होता है, और यह आंकड़ा 2030 तक प्रति वर्ष 165 मिलियन टन तक बढ़ जाएगा। भारत सरकार इतनी मात्रा में कचरे के उचित संग्रह, पृथक्करण, पुनर्चक्रण और उपचार के लिए महत्वाकांक्षी निवेश का समर्थन कर रही है, जिसमें निजी क्षेत्र की भी भूमिका है।