तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था, तकनीकी प्रतिभा और जीवंत स्टार्टअप इकोसिस्टम के चलते भारत आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस (एआई) से लाभान्वित होने की बेहतर स्थिति में है। गूगल की रिपोर्ट के मुताबिक, एआई अपनाने से भारत को 2030 तक 33.8 लाख करोड़ का आर्थिक लाभ हो सकता है।
गूगल की नई रिपोर्ट जिम्मेदार एआई विकास पर जोर देती है और नीति निर्माताओं, कंपनियों और नागरिक समाज के लिए सिफारिशें सुझाती है। भारत के लिए एआई अवसर एजेंडा नामक रिपोर्ट में कहा है कि किस प्रकार एआई देश के आर्थिक विकास, सामाजिक प्रगति और वैश्विक नेतृत्व को बढ़ावा दे सकती है। एआई के प्रति एक व्यापक और जिम्मेदार दृष्टिकोण भारत में महत्वपूर्ण आर्थिक विकास और सामाजिक प्रगति को संभव बना सकता है।
सामूहिक प्रयासों की होगी जरूरत
गूगल के मुताबिक, भारत में एआई का संभावित आर्थिक प्रभाव काफी बड़ा है। रिपोर्टों का अनुमान है कि 2030 तक भारत में एआई को अपनाने से कम से कम 33.8 लाख करोड़ का आर्थिक योगदान हासिल किया जा सकता है। हालांकि, ये उपलब्धियां एक उम्मीदजनक शुरुआत का संकेत हैं, लेकिन एआई की पूरी क्षमता को अनलॉक करना हमारे लिए गए रणनीतिक फैसलों पर निर्भर करता है।
रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि भारत के लिए एआई अवसर को अधिकतम करने के लिए सरकार, इंडस्ट्री और नागरिक समाज में सहयोगात्मक प्रयासों की आवश्यकता है। उन्हें तीन प्रमुख क्षेत्रों को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है। इसमें बुनियादी ढांचे और इनोवेशन में निवेश, मानव पूंजी और एआई-संचालित कार्यबल का निर्माण और सार्वभौमिक पहुंच को बढ़ावा देना शामिल है।
स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में भी दिख रहा असर
स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में एआई का उपयोग बेहतर उपचार, व्यापक पहुंच और व्यक्तिगत देखभाल के लिए किया जा रहा है, विशेष रूप से वंचित समुदायों के लिए। गूगल ने एआरएमएमएएन (अरमान) के साथ साझेदारी की है, ताकि स्वास्थ्य सूचना कार्यक्रम से बाहर होने के जोखिम वाली महिलाओं की पहचान करने के लिए एआई का उपयोग किया जा सके। इससे मातृ स्वास्थ्य परिणामों में सुधार के लिए व्यक्तिगत हस्तक्षेप की अनुमति मिल सके। एआरएमएमएएन का उद्देश्य भारत में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर और रुग्णता से जुड़ी व्यापक प्रणालीगत समस्याओं का समाधान करना है।
कृषि क्षेत्र में आ रहा बदलाव
एआई पहले से ही कृषि क्षेत्र में बदलाव ला रहा है। कृषि में एआई जलवायु जोखिमों को कम करने, उत्पादकता और स्थिरता को अनुकूलित करने और वास्तविक समय में फसल मूल्य निर्धारण की जानकारी प्रदान करने में मदद कर रहा है। साथ ही संभावित फसल खतरों की प्रारंभिक चेतावनी भी दे रहा है। कई एआई संचालित प्लेटफॉर्म किसानों को फसल की पैदावार बढ़ाने और टिकाऊ प्रथाओं को प्रोत्साहित करने के लिए सशक्त बना रहे हैं।