केरल का बहुचर्चित- त्रावणकोर देवासम बोर्ड (TDB) आरएसएस पर प्रतिबंध के मामले में सुर्खियों में है। राज्य के त्रावणकोर क्षेत्र में प्रमुख मंदिरों का प्रबंधन करने वाले शीर्ष मंदिर निकाय- टीडीबी की तरफ से प्रतिबंध का सर्कुलर भी जारि किया गया है। नया परिपत्र जारी कर मंदिर परिसरों और उसकी संपत्तियों पर आरएसएस की गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है।
देवास्वोम आयुक्त द्वारा जारी परिपत्र के अनुसार, मंदिर निकाय द्वारा प्रबंधित मंदिरों के परिसर के अंदर ‘नामजपा विरोध प्रदर्शन’ (मंत्रों का जाप करके विरोध प्रदर्शन) पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। सर्कुलर में कहा गया है कि टीडीबी की अनुमति के बिना आरएसएस और “अतिवादी विचारधारा” वाले संगठनों की सभी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
औचक छापेमारी का निर्देश, चार दिन पहले जारी हुआ पत्र
आरएसएस पर प्रतिबंध के संबंध में गत 20 अक्टूबर को जारी सर्कुलर में देवास्वोम विजिलेंस विंग को औचक छापेमारी करने का निर्देश भी दिया गया। इसका मकसद यह पता लगाना था कि क्या आरएसएस या अन्य संगठन मंदिर की संपत्तियों पर ‘शाखाएं’ लगाने, सामूहिक अभ्यास या हथियार प्रशिक्षण जैसी गतिविधियां संचालित कर रहे हैं।
सख्त कार्रवाई की चेतावनी
टीडीबी ने संबंधित मंदिरों के कर्मचारियों और पुजारियों को ऐसे संगठनों की उपस्थिति और उनके संचालन के बारे में टीडीबी प्रबंधन को सूचित करने का निर्देश भी दिया है। सर्कुलर में कहा गया है कि मंदिरों में प्रतिबंधित गतिविधि के बारे में जो लोग सूचना देने में विफल रहेंगे उन्हें अनुशासनात्मक कार्रवाई का भी सामना करना पड़ेगा।
निर्देशों की अनदेखी हाईकोर्ट के फैसलों का उल्लंघन?
परिपत्र में यह भी स्पष्ट किया गया कि जिन लोगों का मंदिरों से कोई संबंध नहीं है, उनके फोटो, झंडे और फ्लेक्स बोर्ड मंदिर के परिसर में नहीं रखे जाने चाहिए। टीडीबी प्रबंधन ने कहा है कि निर्देशों का पालन करने में किसी भी विफलता को इस संबंध में उच्च न्यायालय के फैसलों का उल्लंघन माना जाएगा।
गौरतलब है कि पिछले महीने, केरल उच्च न्यायालय ने कहा था कि तिरुवनंतपुरम जिले में सरकारा देवी मंदिर के परिसर में किसी भी सामूहिक ड्रिल या हथियार प्रशिक्षण की अनुमति नहीं दी जाएगी। बता दें कि ये मंदिर भी जो टीडीबी के प्रबंधन के तहत है।
हाईकोर्ट का निर्देश दो भक्तों की तरफ से दायर याचिका पर आया था। उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने वाले याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट से आरएसएस और उसके सदस्यों की तरफ से मंदिर परिसर के “अवैध उपयोग और अनधिकृत कब्जे” को रोकने के लिए आदेश पारित करने की अपील की थी।
गौरतलब है कि इसी साल मई में भी, टीडीबी ने एक परिपत्र जारी कर आरएसएस पर प्रतिबंध के आदेश को सख्ती से लागू करने को कहा था। मंदिर प्रबंधन निकाय ने अधिकारियों से कहा था कि वे आरएसएस की शाखाओं पर प्रतिबंध लगाने वाले पहले के आदेश का सख्ती से पालन करें।
करीब पांच महीने पहले- 18 मई को जारी परिपत्र में टीडीबी ने कहा था, 2021 के आदेश में मंदिर प्रबंधन निकाय ने संबंधित अधिकारियों को संघ परिवार (RSS) पर अंकुश लगाने का निर्देश दिया था। अधिकारियों से कहा गया था कि हथियार प्रशिक्षण के लिए मंदिर की संपत्तियों का उपयोग न करने दिया जाए, लेकिन निर्देशों को सख्ती से लागू नहीं किया गया।
बता दें कि करीब सात साल पहले 2016 में भी टीडीबी ने एक परिपत्र जारी कर आरएसएस पर प्रतिबंध लगाया था। इसके अनुसार, मंदिर परिसरों में सभी प्रकार के हथियार प्रशिक्षण पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। बाद में 30 मार्च 2021 को बोर्ड ने दोबारा सर्कुलर जारी कर अधिकारियों से इस संबंध में जरूरी कार्रवाई करने को कहा। तत्कालीन देवस्वओम मंत्री कडकम्पल्ली सुरेंद्रन ने आरोप लगाया था कि आरएसएस केरल में मंदिरों को हथियारों के भंडार में बदलने की कोशिश कर रहा है। पिनारायी विजयन के कार्यकाल में उपजे इस विवाद के बारे में सुरेंद्रन का दावा था कि राज्य सरकार को मंदिरों में हथियार प्रशिक्षण के संबंध में बड़ी संख्या में शिकायतें मिल रही हैं।