मणिपुर के तेंग्नौपाल जिले में इंडो–म्यांमार सीमा के बेहद संवेदनशील इलाके में शुक्रवार सुबह असम राइफल्स के एक सुरक्षा पोस्ट पर संदिग्ध उग्रवादियों ने अचानक घात लगाकर हमला कर दिया। यह हमला बॉर्डर पिलर नंबर–87 के पास स्थित सैबोल गांव के नजदीक हुआ, जो अंतरराष्ट्रीय सीमा से चंद मीटर की दूरी पर है। शुरुआती जानकारी के अनुसार, उग्रवादियों ने घने जंगलों और ऊँचे–नीचे इलाकों का फायदा उठाते हुए सुरक्षा पोस्ट को निशाना बनाया।
सरकारी सूत्रों ने बताया कि इस अचानक हुए हमले में असम राइफल्स की तीसरी बटालियन के चार जवान घायल हुए हैं, जिनमें से एक की हालत गंभीर बताई जा रही है। घायल जवानों को तुरंत नजदीकी सैन्य चिकित्सा केंद्र में ले जाया गया, जहां उनका इलाज जारी है। हमले के बाद इलाके में कुछ समय के लिए अफरा–तफरी का माहौल बन गया और स्थानीय लोगों में भी दहशत फैल गई।
हमले की सूचना मिलते ही अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तुरंत मौके पर भेजा गया। सुरक्षा एजेंसियों ने पूरे इलाके को घेरकर सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है। उग्रवादी हमले की प्रकृति और इलाके की लोकेशन को देखते हुए यह आशंका जताई जा रही है कि हमलावर घटना को अंजाम देने के बाद म्यांमार की ओर भाग निकले होंगे, क्योंकि सीमा पर कई ऐसे अनियंत्रित जंगल क्षेत्र हैं जहाँ से आवाजाही आसान होती है। इस कारण सुरक्षा एजेंसियां इस घटना को सीमा–पार से संचालित गतिविधियों से जोड़कर भी देख रही हैं।
रक्षा विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि असम राइफल्स की गश्ती टीम पर अचानक भारी फायरिंग की गई, जिसके बाद जवानों ने बेहद नियंत्रित और सावधानी के साथ जवाबी कार्रवाई की, ताकि आसपास बसे ग्रामीणों को किसी प्रकार की क्षति न पहुँचे। उन्होंने कहा कि क्षेत्र की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा बलों ने रणनीतिक तरीके से जवाब दिया और फायरिंग के दौरान सिविलियन क्षेत्र को सुरक्षित रखने को प्राथमिकता दी।
घटना के बाद पूरे फ्रंटियर पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। अधिकारियों ने बताया कि हाल के दिनों में सीमा–पार गतिविधियों, ड्रग तस्करी, हथियारों की आपूर्ति और उग्रवादी मूवमेंट में बढ़ोतरी देखी गई है, जिसके कारण पहले से ही सुरक्षा व्यवस्था मजबूत की जा रही थी। इस हमले के बाद निगरानी और भी कड़ी कर दी गई है। ड्रोन सर्विलांस, हाई–इंटेंसिटी पेट्रोलिंग और इंटरसेप्शन ऑपरेशनों को बढ़ाया जा रहा है। स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियां लगातार समन्वय के साथ स्थिति की निगरानी कर रही हैं।
अधिकारियों ने कहा कि यह हमला एक बार फिर साबित करता है कि इंडो–म्यांमार सीमा पर सुरक्षा चुनौतियाँ अभी भी गंभीर हैं और उग्रवादी संगठन किसी भी अवसर का लाभ उठाकर सुरक्षाबलों पर हमला करने की कोशिश करते रहते हैं। फिलहाल पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी है और सुरक्षा एजेंसियां उग्रवादियों की गतिविधियों पर लगातार नजर रखे हुए हैं।

