महाराष्ट्र के बीड जिले में भड़काऊ भाषण देने के मामले में पुलिस ने मराठा आंदोलन के प्रमुख मनोज जरांगे समेत 16 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि बीड जिले के तंदलवाड़ी घाट में भड़काऊ भाषण दिया गया था। इसके बाद नेकनूर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था। बीते पंद्रह दिनों में मनोज जरांगे के खिलाफ ये नौवीं एफआईआर है। मनोज जरांगे के खिलाफ बीड जिले के अमलनेर, पिपलनेर, शिरूर कसार, चकलामाबा, गेवराई, माजलगांव, पेठ, अंबाजोगाई शहर, और नेकनूर पुलिस स्टेशनों में एफआईआर दर्ज हैं।
आंदोलन की अगुवाई कर रहे मनोज जरांगे पाटिल मूलत: बीड जिले के रहने वाले हैं। मटोरी गांव में जन्मे मनोज ने 12वीं तक पढ़ाई की है। आजीविका के लिए बीड से जालना आ गए। यहां एक होटल में काम करते हुए उन्होंने सामाजिक कार्य शुरू किए। इसी दौरान शिवबा नामक संगठन की स्थापना की। मनोज 2011 से मराठा आरक्षण के आंदोलन में सक्रिय हैं।
2014 में उन्होंने छत्रपति संभाजीनगर में डिविजनल कमिश्नरेट के खिलाफ अपने मार्च से सभी का ध्यान खींचा था। 2015 से 2023 के बीच उन्होंने 30 से ज्यादा आंदोलन किये। 2021 में उन्होंने जालना जिले के साष्टा पिंपलगांव में 90 दिनों की हड़ताल की थी। बताया जाता है कि मनोज जरांगे की आर्थिक स्थिति खराब है, लेकिन उन्होंने खुद को मराठा समुदाय के लिए समर्पित कर दिया है। उनके पास चार एकड़ जमीन थी जिसमें से दो एकड़ जमीन उन्होंने मराठा समुदाय के आंदोलन के लिए बेच दी थी।