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Sunday, October 20, 2024

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ममता बनर्जी ने झारखंड के CM हेमंत सोरेन से की बात, बांध से पानी छोड़ने पर ध्यान देने का अनुरोध

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को कहा कि उन्होंने झारखंड के सीेम हेमंत सोरेन से बातचीत की है। ममता बनर्जी ने कहा कि बातचीत के दौरान उन्होंने झारखंड के बाधों से पानी छोड़ने को लेकर हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है। ममता बनर्जी ने दावा किया है कि झारखंड के बांधों से छोड़े जाने वाले पानी की वजह से पश्चिम बंगाल में बाढ़ की स्थिति पनप रही है। उधर, झारखंड और पश्चिम बंगाल में विभिन्न हाइड्रो पावर प्रोजक्ट का संचालन करने वाली कंपनी दामोदर वैली कोर्पोरेशन (डीवीसी) का कहना है कि बारिश झारखंड में इस बार बारिश की कमी देखने को मिली है। डीवीसी का यह भी कहना है कि उसे निचले इलाकों में किसी तरह की बाढ़ का खतरा नजर नहीं आया है।

ममता बनर्जी ने क्या कहा?
सोशल मीडिया मंच एक्स पर ममता बनर्जी ने लिखा, ‘मैंंने झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन से बात की है। मैंने उनसे बाढ़ के हालातों के बारे में चर्चा की। बातचीत के दौरान तनुघाट से पानी छोड़ने पर चर्चा की गई, जिस वजह से पश्चिम बंगाल में बाढ़ के हालात पनपे हैं। मैंने उन्हें बताया कि झारखंड द्वारा पानी छोड़ने की वजह से पश्चिम बंगाल में बाढ़ आ गई है। मैंने उनसे इसका ध्यान रखने का अनुरोध किया है।’ पश्चिम बंगाल की सीएम ने यह भी कहा कि उनकी बाढ़ के हालातों पर नजर बनी हुई है। इसके साथ ही वह इसे लेकर लगातार अधिकारियों के संपर्क में हैं।

‘बाढ़ के हालातों पर बनी हुई है नजर’
ममता बनर्जी ने आगे कहा, ‘मेरी बाढ़ के हालात पर लगातार नजर बनी हुई है। मैंने बंगाल के दक्षिण और उत्तरी क्षेत्र के जिलाधिकारियों से इस संबंध में बातचीत की है। मैंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि अगले तीन से चार दिन तक बाढ़ के हालातों पर लगातार नजर बनाए रखें। मैंने उनसे सभी एहतियाती कदम उठाने को कहा ताकि कहीं भी कोई अप्रिय घटना न हो।’ उधर, डीवीसी का कहना है कि बारिश में कमी के कारण झारखंड के तनुघाट से कम पानी छोड़े जाने की उम्मीद है।

तनुघाट से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद रविवार को डीवीसी ने पंचेत और मैथन बांध से 1.2 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा है। इसके अलावा शनिवार को पंचेत और मौथन बांध से 90 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। मैथन बांध के कार्यकारी निदेशक अंजनी दुबे का कहना है कि बारिश कम होने की वजह से तनुघाट से कम पानी छोड़ा जा सकता है। इसका सीधा मतलब यह हुआ कि पंचेत और मैथन बांध से भी कम पानी छोड़ा जाएगा। 

उधर, असम के मुख्यमंत्री हिंमत बिस्व सरमा ने ममता बनर्जी के बयान पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा, ‘मैं दीदी का सम्मान करता हूँ, लेकिन मैं उनकी इस धारणा को स्वीकार नहीं कर सकता कि झारखंड सरकार पश्चिम बंगाल में आई बाढ़ के लिए जिम्मेदार है। दोनों सरकारों को लोगों की कठिनाइयों को कम करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। हर साल, अरुणाचल और भूटान पहाड़ियों से आने वाला पानी असम में बाढ़ का कारण बनता है। हालांकि, हम अरुणाचल सरकार या रॉयल भूटान सरकार को दोष नहीं देते क्योंकि हम समझते हैं कि पानी की कोई सीमा नहीं होती और यह स्वाभाविक रूप से नीचे की ओर बहता है।’

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