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महंत नरेंद्र गिरी की दम घुटने से हुई थी मौत

महंत नरेंद्र गिरी की, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की सोमवार को संदिग्ध मौत पर पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गयी है जिसमें दम घुटना उनकी मौत का कारण बताया गया है. 5 डॉक्टर्स के पैनल की निगरानी में ये पोस्टमार्टम किया गया. महंत नरेंद्र गिरि को बाघंबरी मठ के बगीचे में समाधि दी गई.

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महंत नरेंद्र गिरि का शव प्रयागराज के उनके बाघंबरी मठ में ही फांसी के फंदे पर लटका मिला था. कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था. मौके से एक सुसाइड नोट भी मिला है. सुसाइड नोट में उन्होंने आनंद गिरि, आद्या तिवारी और संदीप तिवारी को उनकी मौत का जिम्मेदार ठहराया है. मामले में अभी आनंद गिरि और आद्या तिवारी की गिरफ्तारी हो चुकी है.

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सुसाइड नोट में महंत नरेंद्र गिरि ने लिखा कि 13 सिंतबर 2021 को में आत्महत्या करने जा रहा था. लेकिन हिम्मत नहीं कर पाया. आज जब हरिद्वार से सूचना मिली है कि एक दो दिन में आनंद गिरि कंम्प्यूटर के जरिए किसी महिला और लड़की के साथ गलत काम करते हुए फोटो वायरल कर देगा तो सोचा सफाई दूं मगर बदनामी का डर था. मैं जिस सम्मान से जी रहा हूं, तो बदनामी से मैं कैसे जिऊंगा.

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महंत नरेंद्र गिरि का कहना था कि कहां तक सफाई देता रहूंगा. इससे दुखी होकर मैं आत्महत्या करने जा रहा हूं. मेरी मौत का जिम्मेदार आनंद गिरि, आद्या तिवारी और संदीप तिवारी हैं. प्रयागराज के सभी पुलिस अधिकारियों से मैं अनुरोध करता हूं कि उन पर एक्शन लिया जाए. मेरी हत्या के जिम्मेदार उपरोक्त लोगों पर कानूनी कार्रवाई की जाए, ताकी मेरी आत्मा को शांति मिले.

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