बसपा सुप्रीमो मायावती ने आज अखिलेश यादव पर ट्विटर हमलों की बरसात कर दी. मायावती ने कहा कि जो कई-कई पार्टियों से गठबंधन करके भी अपना सीएम बनने का सपना पूरा नहीं कर सके हैं, वे दूसरों को पीएम बनाने का सपना कैसे पूरा कर सकते हैं.
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मायावती ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ”जो लोग लोकसभा आम चुनाव में बीएसपी से गठबंधन करते खुद 5 सीटें ही जीत सके हैं, तो फिर वो बीएसपी की मुखिया को कैसे पीएम बना पायेंगे? अतः इनको ऐसे बचकाने बयान देना बंद करना चाहिए.” उन्होंने कहा, मैं आगे सीएम और पीएम बनूं या ना बनूं, लेकिन मैं अपने कमजोर और उपेक्षित वर्गों के हितों में देश का राष्ट्रपति कतई भी नहीं बन सकती हूं. अब यूपी में सपा का सीएम बनने का सपना कभी भी पूरा नहीं हो सकता है.
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मायावती और अखिलेश के बीच इस पूरे विवाद की शुरुआत दो दिन पहले हुई. अखिलेश यादव ने एक कार्यक्रम में कहा था कि बीजेपी ने बसपा का वोट तो हासिल कर लिया, क्या अब बीजेपी मायावती को राष्ट्रपति बनाएगी.
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अखिलेश के इस बयान पर मायावती ने पलटवार करते हुए कहा, वे यूपी का सीएम या देश का प्रधानमंत्री बनने का सपना देख सकती हैं, लेकिन राष्ट्रपति बनने का नहीं. मायावती ने कहा था, सपा यूपी में बीजेपी की जीत के लिए जिम्मेदार है. सपा मुझे राष्ट्रपति बनाने का सपना देख रही है, ताकि यूपी सीएम पद के रास्ते से मैं हट जाऊं.
जब अखिलेश यादव से इस बारे में सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा, मैं खुश हूं. मैं भी यही चाहता था. पिछले चुनाव में इसी को लेकर गठबंधन किया गया था. अगर गठबंधन जारी रहता तो बसपा और डॉ भीम राव अंबेडकर के अनुयायी देख सकते थे कि कौन प्रधानमंत्री बनता.