एपल मैसेज चेतावनी मामले पर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, इस मुद्दे को आईटी संसदीय समिति नहीं उठा सकती क्योंकि यह मामला लोकसभा नियमों के मुताबिक सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है। पैनल के सदस्य भाजपा सांसद निशिकांत दुबे का यह बयान तब आया, जब कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम सहित कुछ विपक्षी नेताओं ने मामले को उठाया था।
निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा, अखबारों में बयान देकर दबाव बनाने से देश नहीं चलता है। सूचना और दूरसंचार पर स्थायी समिति का नेतृत्व अब शशि थरूर नहीं करते हैं। यह समिति लोकसभा के नियमों के तहत चलती है। उन्होंने दावा किया कि लोकसभा के नियमों के तहत एपल द्वारा अपने ग्राहकों को दी गई चेतावनी की जांच केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आती है, जबकि आरोप के आगे सत्यापन के लिए उनके आईफोन की जांच राज्य पुलिस द्वारा की जा सकती है। हमारी समिति जिसका मैं भी सदस्य हूं, इस विषय पर बैठक नहीं कर सकती।
कांग्रेस सांसद कार्ति चिंदबरम ने संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष से इस मामले पर पैनल की बैठक बुलाने का आग्रह किया है। संसदीय पैनल के अध्यक्ष प्रतापराव जाधव को लिखे एक पत्र में कांग्रेस के लोकसभा सदस्य ने उनसे उन सभी लोगों को बैठक में बुलाने का आग्रह किया, जिन्हें एपल से चेतावनी संदेश मिला है, साथ ही कंपनी के प्रतिनिधियों को भी बैठक में बुलाया जाए।