अतीक अहमद को लेने के लिए यूपी पुलिस गुजरात के साबरमती जेल पहुंच गई है. 28 मार्च को 2006 में उमेश पाल के अपहरण के मामले में प्रयागराज कोर्ट का फैसला आना है. अतीक अहमद इस मामले में आरोपी है. उमेश पाल अपहरण मामले में अतीक और अशरफ को सजा मिलना लगभग तय माना जा रहा है. दोनों भाइयों को पहली बार किसी मुकदमे में सजा मिलेगी. बीएसपी विधायक राजू पाल मर्डर केस के गवाह उमेश पाल का अपहरण साल 2006 में हुआ था. अपहरण केस में गवाही न देने के लिए उनसे जबरन हलफनामा ले लिया गया था. उमेश पाल ने साल 2007 में अपने अपहरण का पूर्व बाहुबली सांसद अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ के खिलाफ केस दर्ज कराया था. इसी मुकदमे की पैरवी से लौटते वक्त इस साल 24 फरवरी को उमेश पाल की घर के बाहर हत्या कर दी गई थी.
माफिया और पूर्व सांसद अतीक अहमद की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. 21 मार्च को चकिया स्थित उसके कार्यालय से पुलिस ने लाखों रुपये की नकदी और 11 पिस्टल बरामद किए. पुलिस ने जिंदा कारतूस और मैगजीन भी बरामद किए. पुलिस सूत्रों ने बताया कि अतीक अहमद के चकिया कार्यालय के सामने का हिस्सा काफी पहले ही बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया गया था और आज भारी पुलिस बल की मौजूदगी में कार्यालय की तलाशी ली गई तो वहां से लाखों रुपये नकद और एक दर्जन के करीब हथियार बरामद हुए.
इससे पहले, पूर्व सांसद अतीक अहमद की सुरक्षा के मामले में दायर याचिका पर 17 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. अतीक अहमद की ओर से की गई मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई एक सप्ताह के लिए टाल दी. जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की बेंच ने मामले की सुनवाई की. अतीक अहमद ने जान का खतरा बताते हुए उसे गुजरात की अहमदाबाद जेल से उत्तर प्रदेश ट्रांसफर नहीं किए जाने की मांग की है.