पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या के मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का राजनीतिकरण न करने की नसीहत दी है। दो याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की है, जिनमें से एक को गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई के पिता ने दायर किया था। जस्टिस अजय रस्तोगी और अभय ओका की बेंच ने कहा, ‘हमारे लिए सभी पक्ष बराबर हैं। हमारी राय है कि ऐसे मामलों में राजनीतिक दलों के लिए कोई जगह नहीं है। यह मायने नहीं रखता है कि कौन किस दल का है। इस अदालत के दरवाजे किसी के लिए भी हर वक्त खुले हैं, लेकिन मामले को राजनीतिक रंग नहीं देना चाहिए।’
मई के आखिरी सप्ताह में पंजाब के मानसा जिले के जवाहरके गांव में सिद्धू मूसेवाला पर हमला हुआ था। उन पर बदमाशों ने घेरकर फायरिंग की थी और ताबड़तोड़ गोलियां लगने से उनकी मौके पर ही मौत हो गई थी। इस मामले में पुलिस ने गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई को भी आरोपी बनाया है और फिलहाल हिरासत में ले रखा है। सिद्धू मूसेवाला कांग्रेस के नेता भी थे, जिनकी सुरक्षा अन्य 400 लोगों के साथ ही वापस ले लिया गया था। इस मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग वाली एक अर्जी भाजपा के नेता जगजीत सिंह की ओर से भी दायर की गई थी। इसके अलावा बिश्नोई के पिता लविंदर सिंह ने भी अर्जी दी थी।
अर्जी की सुनवाई करते हुए बेंच ने कहा, ‘पंजाब पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। आप इसका राजनीतिकरण क्यों कर रहे हैं।’ पंजाब सरकार की ओर से पेश सीनियर वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि लॉरेंस बिश्नोई पर हत्या और फिरौती के 57 मामले दर्ज हैं। इसके बाद भी उसके पिता ने पंजाब पुलिस को मिले अरेस्ट वॉरंट को चैलेंज दिया है। सिंघवी ने कहा, ‘हमारे पास यह जानकारी है कि वह इंटरनेशनल शूटर्स के टच में था ताकि सिंगर की हत्या कराई जा सके। इसलिए हम मामले की जांच के लिए उसे हिरासत में रखना चाहते हैं। अब उनका कहना है कि उन्हें अरेस्ट वॉरंट पर हिरासत में नहीं लिया जा सकता।’