राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने रविवार को जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में रियासी आतंकवादी हमले के सिलसिले में कई स्थानों पर छापेमारी की, जिसमें एक बच्चे सहित नौ लोगों की जान चली गई। यह हमला 9 जून को रियासी जिले के पौनी इलाके में हुआ था, जब आतंकवादियों ने शिव खोरी से कटरा जा रही तीर्थयात्रियों की बस पर गोलीबारी की थी, जिससे वाहन खाई में गिर गया था।
राजौरी में छापेमारी हाकम खान उर्फ हाकिन दीन द्वारा दी गई जानकारी पर आधारित थी, जिसे 19 जून को रियासी आतंकी हमले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था। एनआईए ने अपनी प्रारंभिक जांच में पाया कि दीन ने कथित तौर पर हमले में शामिल आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह , रसद सहायता और जीविका प्रदान की थी।
रियासी की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) मोहिता शर्मा के अनुसार, दीन ने न केवल हमलावरों को शरण दी, बल्कि उनकी गतिविधियों और गतिविधियों में भी मदद की, जिसके कारण यह घातक घटना घटी।
उन्होंने कहा, “गिरफ्तार व्यक्ति एक प्रमुख आतंकवादी सहयोगी है, जिसने हमले को अंजाम देने में आतंकवादियों की मदद की थी। मामले की आगे की पूछताछ और जांच जारी है।”
शर्मा ने बताया कि पूछताछ के दौरान दीन ने बताया कि तीन आतंकवादी उसके घर पर ठहरे हुए थे। आतंकवादियों ने उसे 6,000 रुपये दिए थे , जो उससे बरामद कर लिए गए हैं।
जम्मू-कश्मीर में जून में कई आतंकी हमले हुए, जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने केंद्र शासित प्रदेश में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार हाल के आतंकी हमलों को लेकर “गंभीरता से” चिंतित है और देश के दुश्मनों को सबक सिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।
मोदी ने अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान श्रीनगर में एक समारोह में कहा, “शांति और मानवता के दुश्मन जम्मू एवं कश्मीर में हो रहे विकास से खुश नहीं हैं। हाल ही में कुछ आतंकवादी हमले हुए…सरकार ने इसे गंभीरता से लिया है। गृह मंत्री ने जम्मू एवं कश्मीर प्रशासन के साथ मिलकर स्थिति की समीक्षा की है।”