2 रुपए के बदले में रेलवे को देने पड़े 2.43 करोड़ रुपए। राजस्थान के कोटा में एक यात्री सुजीत स्वामी नाम के इंजीनियर से रेलवे ने ज्यादा टिकट कैंसिलेशन वसूल किए जाने के एवज में तीन साल तक यात्री ने इसके लिए लड़ाई लड़ी।
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दरअसल ट्रेन टिकट कैंसिल करने पर मिलने वाले रिफंड को लेकर एक दिलचस्प फैसला आया है। कोटा में एक यात्री से रेलवे ने ज्यादा टिकट कैंसिलेशन वसूल लिया तो वो उसके लड़ने का असर ये हुआ कि लगभग 3 लाख लोगों को इससे फायदा हो गया। रेलवे की टिकट बुकिंग सर्विस देने वाली संस्था आईआरसीटीसी के द्वारा लिए गए इस फैसले का फायदा 2.98 लाख यात्रियों को मिलेगा। रेलवे बोर्ड ने 2.43 करोड़ रुपये लौटाने की मंजूरी दे दी है।
सुजीत नाम के एक सख्श ने साल 2017 में स्वर्ण मंदिर मेल ट्रेन में कोटा से दिल्ली के लिए 765 रुपये का टिकट बुक किया था। टिकट की कीमत थी 765 रुपये थी, लेकिन वेटिंग टिकट होने के चलते सुरजीत यात्रा नहीं कर पाए थे। सुरजीत द्वारा टिकट कैंसल करने पर उनको 665 रुपये का रिफंड मिला। सुजीत के मुताबिक रेलवे को टैक्स सर्विस के तौर पर 65 रुपये काटने थे लेकिन रेलवे ने 100 रुपये काट लिए।
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इसके बाद सुजीत ने जुलाई 2017 में मामले को लेकर आरटीआई लगाकर सूचना मांगी थी, जिसके जवाब में रेलवे ने बताया कि करीब 2 लाख 98 हजार यूजर्स से प्रति यात्री 35 रुपये सेवाकर के रूप लिए गए थे। सुजीत ने इस बारे में रेल मंत्री और प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर अपने साथ- साथ सभी यात्रियों का पैसा लौटने मांग की थी। जिसके बाद आखिर मई 2019 में आईआरसीटी ने यात्री के बैंक अकाउंट में 33 रुपये डाल दिए गए, लेकिन यात्री सुजीत का कहना था कि रेलवे ने 35 के बजाय 33 रुपये का ही रिफंड भेजा है। 2 रुपये के रिफंड के लिए सुजीत ने 2019 में फिर से आरटीआई लगाई। इतना ही नहीं सुजीत हर दो महीने में आरटीआई के जरिए रिफंड की जानकारी मांगते थे।
इसके बाद आखिकार 27 मई को सुजीत को आईआरसीटीसी के एक अधिकारी द्वारा फोन पर बताया गया कि, रेलवे बोर्ड ने सभी यूजर्स का रिफंड मंजूर कर लिया है। सोमवार यानी 30 मई को सुजीत के अकाउंट में दो रुपये का रिफंड आ गया।
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सुजीत स्वामी ने बताया, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रेल मंत्री, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर जीएसटी परिषद और वित्त मंत्री को टैग करते हुए रिफंड की मांग के लिए मेरे बार-बार किए गए ट्वीट्स ने 2.98 लाख उपयोगकर्ताओं के रिफंड की मंजूरी में अहम भूमिका निभाई है।’ हालांकि इसके बाद यात्री सुजीत ने पांच साल चले संघर्ष के पूरा होने के बाद थैंक्यू कहने के लिए 535 रुपये पीएम केयर फंड में भी ट्रांसफर किए।