गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने सोमवार को एक विशेष अदालत में आवेदन दायर कर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को यह निर्देश देने की मांग की कि पुलिस और अदालती कामजात में बिना ठोस सबूत के उसके लिए आतंकवादी और गैंगस्टर शब्दों का इस्तेमाल न किया जाए। लॉरेंस मादक पदार्थों की तस्करी के एक मामले में जेल में बंद है। इस मामले की जांच एनआईए कर रही है।
विशेष न्यायाधीश केएम सोजित्रा की अदालत ने इस मामले में एनआईए से जवाब मांगा और मामले की सुनवाई के लिए 22 सितंबर की तारीख तय की। गुजरात तट के पास एक नौका से मादक पदार्थ जब्त करने के 2022 के एक मामले में लॉरेंस की पुलिस हिरासत समाप्त होने के बाद अदालत ने सोमवार को उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया। वह गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या मामले में भी आरोपी है।
लॉरेंस ने अपने वकील आनंद ब्रह्मभट्ट के जरिए दायर याचिका में कहा,’भारत के नागरिक के रूप में मेरे सबसे कीमती अधिकारों को किसी भी व्यक्ति द्वारा नहीं छीना जाना चाहिए। कृपया उपरोक्त प्रार्थना से संबंधित आवश्यक आदेश पारित करें।’ गुजरात आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने सितंबर 2022 में गुजरात तट के पास एक नौका से 39 किलोग्राम मादक पदार्थ जब्त करने से संबंधित मामले में अप्रैल में बिश्नोई को पंजाब की जेल से हिरासत में लिया था। यह कथित तौर पर पाकिस्तान के एक तस्कर द्वारा उनके कहने पर भेजा गया था।
बाद में यह मामला एनआईए को सौंप दिया गया था। एक विशेष अदालत ने बिश्नोई की रिमांड 12-16 सितंबर तक बढ़ा दी थी और बाद में इसे 18 सितंबर तक बढ़ा दिया था। पुलिस रिमांड खत्म होने के बाद अदालत ने सोमवार को उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया। बिश्नोई ने अपनी याचिका में कहा कि वह करीब 10 साल से सलाखों के पीछे है और विभिन्न जांच एजेंसियों ने उसे लगातार गलत तरीके से विभिन्न मामलों में फंसाया है।
उसने कहा, ‘एक आरोपी के रूप में मेरे अधिकारों को किसी भी संबंधित अदालत के समक्ष गरिमापूर्ण नहीं माना गया है और मुझे एक गैंगस्टर के रूप में नामित किया गया है और अब हाल ही में मुझे एक आतंकवादी का खिताब दिया गया है।’ एनआईए आतंकवादी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल के साथ उसके संबंधों की जांच करना चाहती है।
बिश्नोई ने कहा कि वह किसी के भी उन्हें आतंकवादी या गैंगस्टर कहने पर कड़ी आपत्ति जताते हैं, क्योंकि वह अपनी मातृभूमि से प्यार करते हैं और अगर उन्हें ‘न्याय’ मिला तो वह देश के लिए जिएंगे और मरेंगे। उसने कहा कि उसे कभी भी उसके खिलाफ किसी भी मामले में दोषी नहीं ठहराया गया है, और उसके खिलाफ कोई मजबूत सबूत भी नहीं है। बिश्नोई ने कहा, ‘फिर भी मेरे साथ एक सजायाफ्ता कैदी की तरह व्यवहार किया गया। मुझे अदालत में पेशी के दौरान सच्चे देशभक्त भगत सिंह की तस्वीर वाली टी-शर्ट पहनने से प्रतिबंधित किया गया है।’
उसकी रिमांड की मांग करते हुए एनआईए ने अदालत से कहा था कि उसकी जरूरत इसलिए है क्योंकि वह वांछित पाकिस्तानी तस्करों के साथ जेल से उसके द्वारा रची गई आपराधिक साजिश का पता लगाना चाहती है।
एनआईए ने कहा कि पूछताछ के दौरान बिश्नोई ने आंशिक रूप से स्वीकार किया कि वह जेल के जरिए हथियारों की आपूर्ति के साथ-साथ अपने सहयोगियों के माध्यम से प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल को हथियारों की आपूर्ति करके वित्त पोषण में शामिल रहा है। एनआईए ने अदालत से कहा था कि इसका खुलासा किए जाने की जरूरत है।