विनिवेश और विलयकारी के इस दौर में अब लोकसभा और राज्यसभा टीवी का मोदी सरकार ने विलय कर दिया है और विलय के बाद अब इसे संसद टीवी का नाम दिया गया है.
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संसद भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में आज प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू, और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संयुक्त रूप से संसद टीवी को लॉन्च किया.
पीएम मोदी ने संसद टीवी को लॉन्च करते हुए कहा कि, ”आज अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस है, ऐसे में ‘संसद टीवी’ का शुभारंभ अधिक प्रासंगिक हो जाता है. जब लोकतंत्र की बात आती है, तो भारत की जिम्मेदारी बढ़ जाती है. भारत लोकतंत्र की जननी है. हमारे लिए लोकतंत्र सिर्फ एक संवैधानिक ढांचा नहीं है, बल्कि एक आत्मा है, यह ‘जीवन धारा’ है.”
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पीएम मोदी ने कहा, ”आज का दिन हमारी संसदीय व्यवस्था में एक और महत्वपूर्ण अध्याय जोड़ रहा है. आज देश को संसद टीवी के रूप में संचार और संवाद का एक ऐसा माध्यम मिल रहा है जो देश के लोकतंत्र और जनप्रतिनिधियों की नई आवाज के रूप में काम करेगा.”
उन्होंने आगे कहा, ”मेरा अनुभव है कि “कन्टेंट इज़ कनेक्ट.” यानी जब आपके पास बेहतर कन्टेंट होगा तो लोग खुद ही आपके साथ जुड़ते जाते हैं. ये बात जितनी मीडिया पर लागू होती है, उतनी ही हमारी संसदीय व्यवस्था पर भी लागू होती है, क्योंकि संसद में सिर्फ पॉलिटिक्स नहीं है, पॉलिसी भी है.”
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इस लॉन्च के साथ ही संसद सत्र के दौरान दोनों सदनों की लाइव स्ट्रीमिंग सुनिश्चित करने के लिए संसद टीवी के पास अब दो चैनल होंगे. संसद टीवी को एक सेरेब्रल चैनल के रूप में स्थापित किया जा रहा है, जो देश के लोकतांत्रिक लोकाचार और संस्थानों से संबंधित विषयों पर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दर्शकों को उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री प्रदान करेगा. जब संसद का सत्र चल रहा होगा, तो संसद टीवी में दो चैनल होंगे ताकि लोकसभा और राज्यसभा दोनों की कार्यवाही एक साथ प्रसारित की जा सके. चैनल के सीईओ की नियुक्ति मार्च में हुई थी. सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी रवि कपूर ‘संसद टीवी’ के सीईओ बनाए गए हैं.