ओडिशा विधानसभा का बजट सत्र मंगलवार को हंगामे के साथ शुरू हुआ। विपक्षी भाजपा और कांग्रेस ने सदन में राज्यपाल गणेशी लाल के अभिभाषण का बहिष्कार किया। दोनों विपक्षी दलों ने मंत्री नबा किशोर दास की उनके गृह निर्वाचन क्षेत्र झारसुगुडा में हत्या को लेकर बीजद सरकार की आलोचना की और कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर निशाना साधा।
सदन की कार्रवाई शुरू होते ही कांग्रेस विधायक दल के नेता नरसिंह मिश्रा खड़े हुए और एक मौजूदा मंत्री के जीवन की रक्षा करने में असफल रहने को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधने लगे। इसके बाद उनकी पार्टी के विधायक भी सदन के बीचोंबीच आ गए। विपक्षी भाजपा के सदस्य पहले अपनी-अपनी सीटों के पास खड़े होकर प्रदर्शन किया। इसके बाद वे कांग्रेस सदस्यों के आसन के सामने आगए और बीजद विरोधी नारे लगाने लगे।
राज्यपाल के अभिभाषण देने के बाद भाजपा सदस्य पहले सदन से बाहर गए और फिर कांग्रेस के सदस्यों ने भी बहिष्कार (बॉयकॉट) किया। विपक्षी सदस्यों ने कहा, हम राज्यपाल के अभिभाषण का बहिष्कार करते हैं, क्योंकि वह राज्य के विकास की गुलाबी तस्वीर पेश कर रहे हैं। भाजपा के चीफ व्हिप मोहन मांझी ने कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है।
वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य सुरेश राउत्र ने सदन के बाहर कहा, हमें राज्यपाल से कोई आपत्ति नहीं है। वह एक अच्छे आदमी हैं। लेकिन, सरकार उनके मुंह से दूसरी तस्वीर पेश करवा रही है। इसलिए हमने राज्यपाल के अभिभाषण का बहिष्कार किया है।
इसके बाद भाजपा के विधायकों ने तख्तियां लेकर सदन के प्रवेश द्वार पर धरना दिया। फिर विपक्षी सदस्य सदन में लौट आए और उन्होंने मौजूदा सदस्य एवं मंत्री नबा किशोर दास, पूर्व विधायक गंगाधर दास और पूर्व विधायक अर्जुन चरण दास को श्रद्धांजलि दी।
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, विपक्षी के नेता जय नारायण मिश्रा, कांग्रेस विधायक दल के नेता नरसिंह मिश्रा और माकपा नेता लक्ष्मण मुंडा ने भी श्रद्धाजंलि कार्यक्रम में हिस्सा लिया। विधानसभा स्पीकर बी के अरुखा ने सदन के दिवंगत सदस्यों के सम्मान में सदन की कार्यवाही बुधवार सुबह साढ़े दस बजे तक के लिए स्थगित करने की घोषणा की।