लोकसभा आचार समिति की बैठक गुरुवार को की गई। इसमें टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ “कैश-फॉर-क्वेरी” आरोपों पर अपनी मसौदा रिपोर्ट को अपनाई। बैठक के दौरान भाजपा सांसद विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता वाली समिति ने महुआ मोइत्रा के निष्कासन की सिफारिश करते हुए रिपोर्ट स्वीकार की। बैठक के बाद सोनकर ने कहा कि पैनल के छह सदस्यों ने रिपोर्ट को अपनाने का समर्थन किया और चार ने इसका विरोध किया।
वहीं, सूत्रों ने बताया कि पैनल ने मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित करने की सिफारिश की है। अब रिपोर्ट आगे की कार्रवाई के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को भेजी जाएगी। वहीं, बैठक के बाद विपक्षी सांसदों ने पैनल की सिफारिश को पूर्वाग्रह से ग्रस्त और गलत बताया।
TMC सांसद महुआ मोइत्रा पर लगे ‘कैश फॉर क्वेरी’ के आरोपों पर एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष विनोद सोनकर ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि महुआ मोइत्रा पर आरोप को लेकर कमेटी ने रिपोर्ट तैयार की है। आज बैठक में रिपोर्ट पर चर्चा हुई और इसे अपनाने की प्रक्रिया शुरू हुई। कल एक विस्तृत रिपोर्ट हम लोकसभा अध्यक्ष को सौंप दी जाएगी।
इससे पहले, तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने गुरुवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखा। महुआ ने दावा किया कि एक निजी समाचार चैनल को उनसे जुड़े मामले पर संसदीय समिति की गोपनीय मसौदा रिपोर्ट मिल गई। यह विशेषाधिकार का घोर उल्लंघन है।
मोइत्रा ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि माननीय लोकसभा अध्यक्ष को लिखे मेरे पिछले पत्र का कोई जवाब नहीं मिला है, लेकिन फिर भी मैं इसे रिकॉर्ड पर रख रही हूं। लोकसभा के सभी नियम पूरी तरह से ध्वस्त हो गए हैं। मेरी पिछली शिकायतों का जवाब नहीं मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है। हालांकि, रिकॉर्ड के तौर पर मैं इस गंभीर उल्लंघन को आपके ध्यान में लाना चाहती हूं।
बता दें कि भाजपा सांसद विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता वाली समिति ने पहले मोइत्रा और फिर उनके खिलाफ शिकायत दर्ज करने वाले भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और वकील जय अनंत देहाद्राई के बयान दर्ज किए।