राज्यसभा की विशेषाधिकार समिति ने गुरुवार को 12 विपक्षी सांसदों को पिछले साल अगस्त में सदन की कार्यवाही को बाधित करने के लिए कदाचार का दोषी ठहराया। इनमें सांसदों में आम आदमी पार्टी (आप) के संजय सिंह भी शामिल हैं। समिति ने उन्हें आगाह किया कि वे भविष्य में इस तरह का व्यवहार करने से बचें।
आज विशेषाधिकार समिति ने संसद के उच्च सदन में रिपोर्ट पेश की। जिसमें उसने आप सांसद संजय सिंह को सभापति के निर्देशों की अवहेलना करने का दोषी ठहराया। समिति ने इस मामले में संजय सिंह की माफी स्वीकार की और माना कि उन्हें मिली सजा पर्याप्त है। इसने आप सांसद के निलंबन को भी रद्द करने की सिफारिश की।
आप सांसद को 24 जुलाई, 2023 को एक प्रस्ताव के जरिए सदन से निलंबित किया गया था। उन पर जानबूझकर स्पीकर के निर्देशों की अवहेलना करने, बार-बार सदन के नियमो का उल्लंघन करने और सदन के नेता पर आरोप लगाकर विशेषाधिकार का उल्लंघन करने का आरोप लगा था।
इन सांसदों को ठहराया गया दोषी
समिति ने कहा कि संजय सिंह, शक्ति सिंह गोहिल, सुशील कुमार गुप्ता, संजीव कुमार पाठक नारणभाई जे. राठवा, ए हनुमनथैया, सैयद नासिर हुसैन, कुमार केतकर, फूलो देवी नेताम, जेबी माथेर हिशाम, रंजीत रंजन और इमरान प्रतापगढ़ी को विशेषाधिकार के गंभीर उल्लंघन और राज्यसभा की अवमानना का दोषी ठहराया जाता है। इसने कहा, समिति सिफारिश करती है कि कुमार केतकर, नारणभाई जे. राठवा और एल हनुमनथैया के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए। वे अब सदन की सदस्यता से सेवानिवृत्त हो चुके हैं।
समिति ने इन सांसदों को किया आगाह
समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा, संजय सिंह, शक्ति सिंह गोहिल, सुशील कुमार गुप्ता, संदीप कुमार पाठक, सैयद नासिर हुसैन, फूलो देवी नेताम, जेबी माथेर हिशाम, रंजीत रंजन और इमरान प्रतापगढ़ी को भविष्य में इस तरह के कदाचार से बचना चाहिए और सदन में अपने प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए अनुकरणीय आचरण का पालन करना चाहिए।