गुजरात के खेड़ा जिले की एक अदालत ने अपनी सौतेली बेटी से बार-बार दुष्कर्म करने के मामले में 28 वर्षीय एक व्यक्ति को मंगलवार को मौत की सजा सुनाई। नडियाद शहर में विशेष POCSO न्यायाधीश पीपी पुरोहित ने भी उस व्यक्ति को मुआवजे के रूप में पीड़िता को दो लाख रुपये देने का आदेश दिया। भारतीय दंड संहिता (IPC) के साथ-साथ यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत पिछले साल मार्च में उस व्यक्ति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, आरोपी ने पांच महीने से अधिक समय तक 11 साल और 8 महीने की लड़की के साथ बार-बार दुष्कर्म किया और उसे यौन उत्पीड़न के बारे में बात न करने की धमकी दी। किशोरी के गर्भवती होने के बाद ही वारदात का खुलासा हुआ।
लोक अभियोजक गोपाल ठाकोर ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने अपराध साबित करने के लिए अदालत के समक्ष सबूत के तौर पर 12 गवाह और 44 दस्तावेज पेश किए। साक्ष्य और अपराध की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने व्यक्ति को समाज में एक मिसाल कायम करने और ऐसे अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए मौत की सजा सुनाई।