एनसीपी-एसपी प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चीन द्वारा देश के क्षेत्रों पर अतिक्रमण को लेकर उठाए जा रहे कदमों पर बोलना चाहिए। दरअसल हाल में देश के प्रधानमंत्री मोदी ने एक साक्षात्कार में भारत चीन के बीच सीमा विवाद पर कहा था कि दोनों देशों को बातचीत कर इस समस्या का त्वरित हल निकालना चाहिए। अब शरद पवार ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
पूर्व रक्षा मंत्री ने कहा कि पीएम मोदी ने कच्चातिवु को लेकर कांग्रेस की आलोचना की, लेकिन उन्हें चीन द्वारा भारतीय क्षेत्रों के अतिक्रमण पर भी बोलना चाहिए। शरद पवार ने कहा कि चीन द्वारा भारतीय क्षेत्र में अतिक्रमण के मुद्दे पर संसद के अंदर और बाहर चर्चा हुई लेकिन प्रधानमंत्री भारत-चीन सीमा विवाद पर उठाए गए कदमों के बारे में बात नहीं कर रहे।
राज ठाकरे पर साधा निशाना
शरद पवार ने पीएम मोदी का समर्थन करने के लिए राज ठाकरे की आलोचना की। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख ने पिछले 10-15 वर्षों में कई बार अपना रुख बदला है। बता दें कि मनसे प्रमुख ने कहा है कि वे बिना किसी शर्त के पीएम मोदी के समर्थन में रैलियों को संबोधित करेंगे।
प्रफुल्ल पटेल के बयान पर दी प्रतिक्रिया
हाल में अजित पवार नीत राकांपा के प्रफुल्ल पटेल ने एक टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि शरद पवार भाजपा को समर्थन देने के लिए 50 फीसदी तैयार थे, लेकिन अंतिम क्षण में पीछे हट गए। शरद पवार ने अब प्रफुल्ल पटेल पर पलटवार करते हुए कहा है किसने पार्टी छोड़ी और कौन रुक गया? पटेल ने यह भी दावा किया था कि 1996 में पवार देश के पीएम बन सकते थे। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि यह सच है लेकिन मैंने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था क्योंकि संसद में बहुमत नहीं था। पवार ने कहा कि एक बैठक के दौरान सर्वसम्मति से मेरा नाम प्रस्तावित किया गया था। मेरे पास बहुमत नहीं था, इसलिए मुझे प्रस्ताव स्वीकार करना उचित नहीं लगा।
एकनाथ खडसे के भाजपा में लौटने के बारे में पूछे जाने पर, पवार ने कहा कि खडसे को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है और इसलिए हमने उनके बाहर निकलने पर कोई रुख नहीं अपनाया है।