नई दिल्ली: पेगासस स्पाईवेयर जासूसी कांड (pegasus spyware scandle), विवादित कृषि बिल और मीडिया संस्थानों पर आयकर विभाग की छापेमारी समेत कई अन्य मुद्दों पर विपक्ष और सत्ताधारियों के हंगामे के बीच लोकसभा की कार्यवाही जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी गई।
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तृणमूल कांग्रेस के सांसद शांतनु सेन को राज्यसभा में उनके कल के आचरण के लिए निलंबित किए जाने के विरोध में, तृणमूल एवं अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा की बैठक शुक्रवार को पहली बार के स्थगन के बाद दूसरी बार दोपहर 12.30 बजे तक और फिर 2.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
जैसे ही दोपहर 12 बजे सदन की कार्यवाही आरंभ हुई, उपसभापति हरिवंश ने निलंबित सदस्य शांतनु सेन को यह कहते हुए सदन से बाहर जाने को कहा कि उनके निलंबन का प्रस्ताव मंजूर कर लिया गया है। इसी समय तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने हंगामा आरंभ कर दिया। लिहाजा, उपसभापति ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12.30 बजे तक स्थगित कर दी गई।
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कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी सदस्यों द्वारा पेगासस जासूसी मामला सहित विभिन्न मुद्दों पर हंगामे के कारण शुक्रवार को लोकसभा की कार्यवाही आरंभ होने के करीब 15 मिनट बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। कुछ सदस्यों के हाथों में तख्तियां थी जिस पर पेगासस मामले की उच्चतम न्यायालय की निगरानी में न्यायिक जांच की मांग का विषय लिखा हुआ था।
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सदन में हंगामे के बीच ही स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया और पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने अपने मंत्रालयों से संबंधित पूरक प्रश्नों के उत्तर दिए। बिरला ने नारेबाजी कर रहे विपक्षी सदस्यों से अपने स्थान पर जाने और कोविड दिशानिर्देशों का पालन करने की अपील की। हालांकि हंगामा जारी रहा। इस बीच सदन को 1.15 बजे दोपहर 12 बजे तक के लिए और फिर दिन भर के लिए स्थगित कर दिया गया।