शिवसेना नेता (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) अनिल परब के करीबी सहयोगी माने जाने वाले सदानंद कदम को एक विशेष अदालत ने शनिवार को 15 मार्च तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेज दिया। कदम को एक दिन पहले रत्नागिरी जिले में एक रिसॉर्ट से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया गया था।
जनवरी में कुर्क किया गया था साई रिसॉर्ट
इस साल जनवरी में ईडी ने शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता और राज्य के पूर्व मंत्री परब व अन्य के खिलाफ जांच शुरू की थी। इसके तहत रत्नागिरी के दापोली में दस करोड़ रुपये से अधिक कीमत के इस बीच रिसॉर्ट (साई रिसॉर्ट) को कुर्क किया गया था। आरोप है कि यह रिसॉर्ट अवैध तरीके से बनाया गया था।
अदालत ने कदम को ईडी की हिरासत में भेजा
ईडी ने मुंबई के केबल ऑपरेटर कदम को शुक्रवार रात गिरफ्तार किया था। उन्हें न्यायाधीश एस एम तपकिरे की विशेष अवकाशकालीन अदालत में पेश किया। अदालत ने उन्हें 15 मार्च तक ईडी की हिरासत में भेज दिया। महाराष्ट्र विधान परिषद में तीन बार शिवसेना के विधायक रहे परब ने इससे पहले इस रिसॉर्ट से अपने संबंध से इनकार किया था। एजेंसी ने उनसे इस मामले में पहले भी पूछताछ की थी।
एजेंसी ने अनिल परब से भी की थी पूछताछ
मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा अनिल परब, साई रिसॉर्ट, सी शंख रिसॉर्ट और कुछ अन्य के खिलाफ दायर शिकायत से उपजा है। उनपर पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम के कथित उल्लंघन करने और महाराष्ट्र की राज्य सरकार को धोखा देने और नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया गया है।
ईडी का आरोप- उप विभागीय कार्यालय से हासिल की अवैध अनुमति
ईडी ने इससे पहले बताया था कि जांच में पाया गया कि परब ने कदम के साथ मिलकर जमीन के इस्तेमाल को कृषि से गैर-कृषि उद्देश्य में बदलने के लिए स्थानीय उप-विभागीय कार्यालय से अवैध अनुमति हासिल की और दापोली में तटीय विनियमन क्षेत्र (सीआरजेड) मानदंडों का उल्लंघन करते हुए एक रिसॉर्ट का निर्माण किया।
‘अवैध रूप से किया रिसोर्ट का निर्माण’
ईडी ने आरोप लगाया कि परब ने सीआरजेड-3 के तहत आने वाली जमीन के एक टुकड़े पर एक जुड़वां बंगले (ग्राउंड +1 फ्लोर) के निर्माण के लिए राज्य राजस्व विभाग से अवैध अनुमति प्राप्त की। अनुमति प्राप्त करने के बाद उन्होंने अवैध रूप से ‘साई रिसॉर्ट एनएक्स’ का निर्माण किया जिसमें ग्राउंड +2 फ्लोर हैं।
आरटीओ कार्यालय के पूर्व कर्मचारी की जांच करेगी एसआईटी
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का करीबी होने का झूठा दावा करके लोगों को तबादले और तैनाती देने का वादा करने वाले क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) के एक पूर्व कर्मचारी के खिलाफ एक विशेष जांच दल (एसआईटी) आरोपों की जांच करेगा। नागपुर पुलिस के अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि आरटीओ का यह पूर्व कर्मचारी अपने एक सहयोगी के साथ यहां एक पांच सितारा होटल में परिवहन विभाग के अधिकारियों से मिलता था और इस तरह के तबादलों और तैनाती के लिए पैसे मांगता था। एसआईटी का गठन मीडिया में आई खबरों के आधार पर किया गया है। वह सभी आरोपों की जांच करेगी। नागपुर के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जांच के तहत होटल के सीसीटीवी फुटेज की जांच की जाएगी।